-रूबी से मिले दस्तावेजों का मिलान करने लखनऊ भेजी गई पुलिस टीम
- रूबी के तत्काल पासपोर्ट बनाने का राज जानने के दिल्ली गई पुलिस
DEHRADUN: एलबीएस प्रकरण की जांच में जुटी एसआईटी अब तक मिले साक्ष्यों की कड़ी से कड़ी जोड़ रही है। इसी के तहत एक टीम लखनऊ व दूसरी टीम दिल्ली भेजी गई। लखनऊ में एसआईटी रूबी से मिले लोक सेवा आयोग के उन दस्तावेजों का मिलान लोक सेवा आयोग के असल दस्तावेजों से करवाएगी, जबकि दिल्ली में लघु एवं सुक्ष्य लघु उद्योग के एक अधिकारी से पूछताछ करेगी। आरोप है कि इसी अधिकारी ने रूबी को तत्काल पोसपोर्ट जारी करने की सिफारिश की थी। माना जा रहा है कि इसके बाद फर्जीवाड़े की कई और कडि़यों से पर्दा उठेगा।
जांच कर रही एसआईटी
दरअसल। एलबीएस में छह माह तक रही मुजफ्फरनगर के कुटबी गांव निवासी रूबी चौधरी के खिलाफ फ्क् मार्च को मसूरी कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। पुलिस उसे तलाश ही रही थी कि दो अप्रैल को रुबी अचानक दून में प्रकट हो गई, जिसने मीडिया के सामने खुद को बाक साफ बताते हुए फर्जीवाड़े के लिए एलबीएस के डिप्टी डायरेक्टर सौरभ जैन को जिम्मेदार ठहराया था, जिसके बाद हरकत में आई पुलिस ने फ् अप्रैल की रात रूबी को गिरफ्तार किया।
अहम दस्तावेज बरामद किए
मामले की जांच में गठित एसआईटी ने रूबी की निशानेदेही पर एसडीएम का फर्जी आईडी कार्ड के अलावा एलबीएस की किताबे व प्रोजेक्ट रिपोर्ट के साथ कई अहम दस्तावेज बरामद किए। फर्जी कार्ड के आधार पर रूबी चौधरी अकादमी में आती जाती थी। जबकि किताबे और प्रोजेक्ट रिपोर्ट उसके अकादमी में अच्छी पैठ बताने के लिए काफी थी।
दिल्ली और लखनऊ भेजी टीम
एसआईटी अब तक की जांच में एलबीएस के डिप्टी डायरेक्टर सौरभ जैन के अलावा कई एलबीएस के कई अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ कर चुकी है। अब नया खुलासा केन्द्रीय लघु एवं सुक्ष्म उद्योग के एक अधिकारी के नाम आने से हुआ है। इस अधिकारी ने रूबी को तत्काल पासपोर्ट बनाने की वकालत करते हुए हुए पासपोर्ट ऑफिस को अपने लैटरपैड पर लिखकर दिया था।
एक टीम दिल्ली भेजी गई
सूत्रों की मानें तो अधिकारी ने इसके लिए रूबी को अच्छी तरह से जानने की बात बताई है। आंशका यहां तक जताई जा रही है कि अधिकारी ने रूबी को आईएएस अधिकारी होने की बात ही अपने लेटर में लिखी है। यही कारण है कि एसआईटी की एक टीम दिल्ली भेजी गई है। वहीं दूसरी टीम लखनऊ में रूबी से मिले लोक सेवा आयोग के दस्तावेजों की जांच कर यह पुख्ता करेगी कि दस्तावेज असली हैं या नकली।