बस टिकट पक्का हो जाए

लास्ट ईयर जब स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन को बहाल करने का बिगुल बजा तो छात्र राजनीति में इंट्रेस्ट रखने वाले स्टूडेंट्स की तो जैसे लॉटरी लग गई। कैंपस की राजनीति के अखाड़े में दांव लगाने के लिए कई नए व पुराने स्टूडेंट्स मैदान में उतर आए। सबकी चाहत बस इतनी है कि किसी न किसी छात्र संगठन से उनका टिकट पक्का हो जाए। उम्मीदें तो बहुतों की लगी हैं लेकिन एक पद के लिए किसी एक को ही टिकट मिलेगा। इसलिए इन्हें दल बदलने से कोई गुरेज नहीं है। टिकट के फेर ने उन्हें तमाम पैंतरे आजमाने पर मजबूर कर दिया है।

दूसरे का दामन थामने को तैयार

इन जूनियर नेताओं के दिमाग में एक से बढ़कर एक चाल चल रही है। कई कैंडीडेट्स टिकट के लिए दूसरे संगठनों से टच में हैं। उनके संगठन से टिकट ना मिले तो वे दूसरे का दामन पकडऩे के लिए एकदम तैयार बैठे हैं। कुछ ने तो अपना पैनल तक तैयार कर लिया है। इधर संगठन से टिकट नहीं मिला, तो उधर इनसे अलग होते ही अपना पैनल घोषित कर दिया। जीत नहीं पाए तो क्या हुआ। दूसरों को ना जीतने देने का दम तो रखते हैं।

अचानक हो गई गड़बड़

मंडे को सछास की तरफ से टिकट घोषणा की तैयारी हो चुकी है। संगठन के नेताओं की मौजूदगी में बैठक भी डिसाइड हो गई थी। प्रेसीडेंट के लिए अंशुमान पटेल का नाम प्रपोज किया गया था। अंशुमान अभी तक एबीवीपी में थे। वाइस प्रेसीडेंट के लिए फैज मोहम्मद, जनरल सेक्रेट्री के लिए रोहित यादव या फिर विपिन सिंह थापा और पुस्तकालय मंत्री के लिए प्रेरणा सिंह का नाम प्रस्तावित किया गया। अचानक कुछ दल-बदलू स्टूडेंट्स लीडर्स के नाम पर विचार के चलते विवाद हो गया और मीटिंग कैंसिल करनी पड़ी। एबीवीपी के बीसीबी प्रेसीडेंट सुमित गुर्जर ने बताया कि अंशुमान ने संगठन के खिलाफ कदम उठाया है। पार्टी से अब उनका कोई लेना-देना नहीं। वहीं सछास के अंकित यादव ने बताया कि वह प्रेसीडेंट के पद से अपनी दावेदारी वापस ले रहे हैं, क्योंकि वह पहले से ही बीसीबी के प्रतिरक्षा विभाग के पीजी फोरम के प्रेसीडेंट हैं।

कुछ ऐसा है scenario

अंशुमान जो अब तक एबीवीपी से प्रेसीडेंट पद की दावेदारी कर रहे थे, अचानक सछास की लिस्ट में उनका नाम शामिल हो गया। अंशुमान इस बार प्रेसीडेंट पद के प्रबल कैंडीडेट माने जा रहे हैं। उधर रजत मिश्रा अम्बेडकर छात्र मोर्चा के सक्रिय मेंबर थे, लेकिन अब एबीवीपी से वाइस प्रेसीडेट के टिकट के दावेदार हैं। सछास के अरुण यादव ने लास्ट ईयर अपना नॉमिनेशन वापस ले लिया था। इस बार वह प्रेसीडेंट पद की दावेदारी कर रहे हैं। टिकट न मिलने पर बगावत के पूरे आसार हैं। वहीं दिनेश गंगवार सछास से बगावत कर एबीवीपी से टिकट मांग रहे हैं। ओमकार पटेल को एबीवीपी से रेस्पॉन्स नहीं मिला तो वह अपना पैनल उतारेंगे। वहीं फैसल अनीस भी पैनल उतारने की तैयारी कर चुके हैं। एबीवीपी के अनूप यादव जनरल सेक्रेट्री के टिकट के लिए ऑप्शन तलाश रहे हैं। एबीवीपी के अवनीश प्रताप सिंह गोपी भी विकल्प ढूंढ रहे हैं।

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