--रांची यूनिवर्सिटी के कॉन्वोकेशन में शामिल हुईं लोकसभा अध्यक्ष

--देश और समाज के लिए स्टूडेंट्स से आगे आने का किया आह्वान

रांची : गूगल पर सारा जवाब हाजिर है, लेकिन उसको छोड़कर अपनी कल्पनाशीलता को उभारें। हमेशा कुछ अलग करने की कोशिश करें। आज कल जो पैकेज की अवधारणा चल पड़ी है, उस पर न जाएं। शिक्षा का काम सिर्फ कमाना ही नहीं है, कुछ अलग करना भी है। समाज को अपनी ओर से कुछ विशेष देने का है। अब आप किस तरह से सोचते हैं, जो प्राप्त किए हैं उसे आगे कैसे बढ़ाएंगे। ये सारी बातें महत्वपूर्ण होंगी। उक्त बातें लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने मंगलवार को कहीं। वे रांची विवि के 30वें दीक्षा समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि हमें गोल्ड मिला है। मैं जानती हूं कि गोल्ड पाना कितना कठिन है। आपके इस आनंद पीछे आपके शिक्षकों की असीम मेहनत छिपी है। वीसी डॉ। रमेश पांडेय आपके लिए काफी मेहनत करते हैं। उनका बच्चों के प्रति अगाध प्यार है।

-----------------

टॉपर्स पर बरसा सोना

रांची यूनिवर्सिटी के 30वें कॉन्वोकेशन में दो सेशन के 99 टॉपर्स को गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया गया। इन टॉपर्स में 58 छात्राएं हैं। 2014 सेशन में 36 छात्राओं समेत 50 टॉपर्स को गोल्ड मेडल दिए गए, जबकि 2015 सेशन में 49 गोल्ड मेडलिस्ट हैं। इन गोल्ड मेडलिस्ट में छात्राओं की संख्या 22 है।

----

ज्ञान का उपयोग समाज के लिए भी

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन कहा कि जब आप नए मुकाम पर जाने की इच्छा रखते हैं और इस बीच कोई आपसे बड़े कुछ कह रहे हों तो उसे जरूर सुनें। आपका अभी तक का लक्ष्य था अच्छे अंक प्राप्त करना। अब केवल डिग्री की बात नहीं रह गई है। ध्यान रहे प्राप्त किए ज्ञान का उपयोग परिवार के साथ समाज के लिए भी हो। आप सक्षम नागरिक बने हैं। ¨हदुस्तान युवाओं का है। राष्ट्र के विकास में अपनी भूमिका तय करें।

साथ-साथ चलें

सुमित्रा महाजन ने कहा कि जिन्हें इतिहास में गोल्ड मिला है। उनके लिए महत्वपूर्ण है कि आगे इतिहास कैसे लिखा जाएगा। आगे कहा कि हम साथ-साथ चलकर तेजस्वी बनें। आपकी ऊर्जा का सामूहिक उपयोग हो। लक्ष्य लेकर साथ चलेंगे, तो आगे बढ़ेंगे और मजबूत बनेंगे। जीवन में जो कमाया है उसे देने व बांटने की बात करें।

तकनीक से खत्म करें प्लास्टिक की समस्या

सुमित्रा महाजन ने कहा कि जो सीखा है उससे केवल नौकरी नहीं मांगनी है। खुद कुछ करना है। स्किल, डिजिटल व स्टार्टअप इंडिया को साकार करें। जहां-तहां प्लास्टिक फेका रहता है। प्लास्टिक बिनने की मशीन बनाएं। ताकि प्लास्टिक की समस्या खत्म की जा सके। नई तकनीक के बारे में सोचें। झारखंड ट्राइबल क्षेत्र है। अपनी सोच गांव तक ले जाएं। मैं गांव जाने की बात नहीं करती। कुछ छात्र एकत्रित होकर गांव के विकास का ढांचा तैयार करें।