गेट पर लगा दी गई notice

हॉस्टल में जब कोई स्टूडेंट नहीं रहेगा तो फिर बवाल भी नहीं होगा। आटोमेटिक स्टूडेंट्स के हंगामे पर ब्रेक लग जाएगा। कुछ ऐसी ही प्लानिंग के साथ ऑफिसर्स ने इंस्टीट्यूट को अनिश्चित कालीन के लिए बंद करने के साथ हॉस्टल खाली करने का फरमान जारी कर दिया है। ये फरमान सभी डिप्लोमा स्टूडेंट के लिए है। स्टूडेंट्स को ट्यूजडे मार्निंग 11 बजे से पहले सामान के साथ हॉस्टल खाली करना है। इंस्टीट्यूट की ओर से फरमान जारी होने के बाद ही स्टूडेंट्स ने हॉस्टल खाली करना शुरू कर दिया। शुरुआत गल्र्स ने की। उसके बाद कुछ स्टूडेंट्स ने भी हॉस्टल छोड़ दिया। लेकिन वे अपना सामान ले जाने के बजाए चोरी छिपे हॉस्टल से निकल गए। सोर्सेज के मुताबिक उन्होंने ऐसा इसलिए किया, क्योंकि बवाल में शामिल और इंस्टीट्यूट के खिलाफ बगावत पर उतारू स्टूडेंट बाकी के स्टूडेंट्स पर हॉस्टल न खाली करने का प्रेशर बना रहे हैं। जबकि कॉमन स्टूडेंट इंस्टीट्यूट के माहौल को देखते हुए हॉस्टल खाली करने के मूड में हैं.

Teachers कालोनी भी खाली
हॉस्टल कैंपस में दो दिनों से चल रहे बवाल और मंडे को तनाव को देखते हुए टीचर्स कॉलोनी भी लगभग खाली हो गई है। टीचर्स ने फैमिली मेंबर्स को रिश्तेदारों के घर शिफ्ट कर दिया है। वैसे सिक्योरिटी प्वाइंट ऑफ व्यू से डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने हॉस्टल व इंस्टीट्यूट कैंपस में भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात किया है। घर व सामान की सुरक्षा के मद्देनजर हर घर से एक मेंबर कालोनी में है। लेकिन उनमें इतनी दहशत है कि वे एक ग्रुप में एक जगह जमा हैं. 

Result ठीक है फिर हंगामा क्यों?
स्टूडेंट्स के हंगामे पर क्वेश्चन मार्क लगाते हुए इंस्टीट्यूट के ऑफिसर ने कहा कि रिजल्ट तो ठीक है। फिर समझ में नहीं आ रहा है कि स्टूडेंट इस तरह का बवाल करने पर क्यों उतारू हैं। डायरेक्टर एनआर भाटिया के मुताबिक स्टूडेंट्स ने अभी तक रिटेन में कोई अपनी डिमांड भी नहीं की है। बातचीत में वे बस इतना कहते हैं कि रिजल्ट बदल दीजिए। जब उनसे ये बोला जाता है कि ये पॉसिबल नहीं है तो वे बवाल करने लगते हैं। डायरेक्टर सहित इंस्टीट्यूट के अन्य फैकल्टी मेंबर ये सब एक्स डायरेक्टर पीके सिंह की साजिश मान रहे हैं। इसके लिए उनका तर्क है कि स्टूडेंट्स ने उन्हीं टीचर्स को निशाना बनाया है, जो पीके सिंह का सस्पेंशन कराने में सक्रिय रहे। उनका एग्जाम व एग्जामिनेशन कमेटी से कोई संबंध नहीं है.

First semester में अधिक fail
इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर सहित अन्य फैकल्टी मेंबर स्टूडेंट्स के रिजल्ट को संतोषजनक मान रहे हैं। उनका कहना है कि बीते सालों में भी ऐसा ही रिजल्ट रहा है। डायरेक्टर की ओर से दी गई इंफॉर्मेशन के मुताबिक सबसे अधिक स्टूडेंट इंजीनियरिंग कोर्स के फस्र्ट सेमेस्टर में फेल हुए हैं। 346 स्टूडेंट्स में से 119 का बैक आया है। 107 स्टूडेंट फेल हैं। इस कोर्स में पास स्टूडेंट्स की संख्या 120 है। थर्ड सेमेस्टर में 313 स्टूडेंट्स में से 63 का, फिफ्थ सेमेस्टर में 322 में से 64 स्टूडेंट्स का बैक है। फस्र्ट सेमेस्टर मैनेजमेंट कोर्स में 145 स्टूडेंट्स में से 38 का बैक है। स्टूडेंट रिजल्ट में इसी बात को लेकर खफा हैं। उनका कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स का बैक कैसे आया?

AU में भी tension
आईईआरटी के अलावा इलाहाबाद यूनिवर्सिटी कैंपस में भी मंडे को तनाव बरकरार रहा। ताराचंद और केपीयूसी हॉस्टल से केवल उन्हीं स्टूडेंट्स को बाहर जाने की इजाजत दी गई, जिन्हें एग्जाम में शामिल होना था। इसके चलते पूरे दिन कैंपस में हॉस्टल में शांति बनी रही। कहीं से भी किसी भी प्रकार के बवाल की सूचना नहीं मिली। वर्चस्व की लड़ाई में ताराचंद और केपीयूसी हॉस्टल में छिड़ी जंग को मंडे को यूनिवर्सिटी ऑफिसर्स के साथ डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन भी पूरी तरह से एलर्ट रहा। आर्ट फैकल्टी व हॉस्टल्स में भारी संख्या में पुलिस के जवान व आरएएफ तैनात रही। चीफ प्रॉक्टर ने आरएएफ के साथ कैंपस का जायजा लेने के लिए कई बार मार्च भी किया. 

पूरी उम्मीद है कि स्टूडेंट हॉस्टल खाली करने के लिए जारी किए गए ऑर्डर का पालन करेंगे। वे ऐसा नहीं करते तो ट्यूजडे को निर्धारित टाइम ड्यूरेशन के बाद हॉस्टल खाली कराने के लिए सख्त कदम उठाया जाएगा.
एनआर भाटिया, डायरेक्टर आईईआरटी
गेट पर लगा दी गई notice

हॉस्टल में जब कोई स्टूडेंट नहीं रहेगा तो फिर बवाल भी नहीं होगा। आटोमेटिक स्टूडेंट्स के हंगामे पर ब्रेक लग जाएगा। कुछ ऐसी ही प्लानिंग के साथ ऑफिसर्स ने इंस्टीट्यूट को अनिश्चित कालीन के लिए बंद करने के साथ हॉस्टल खाली करने का फरमान जारी कर दिया है। ये फरमान सभी डिप्लोमा स्टूडेंट के लिए है। स्टूडेंट्स को ट्यूजडे मार्निंग 11 बजे से पहले सामान के साथ हॉस्टल खाली करना है। इंस्टीट्यूट की ओर से फरमान जारी होने के बाद ही स्टूडेंट्स ने हॉस्टल खाली करना शुरू कर दिया। शुरुआत गल्र्स ने की। उसके बाद कुछ स्टूडेंट्स ने भी हॉस्टल छोड़ दिया। लेकिन वे अपना सामान ले जाने के बजाए चोरी छिपे हॉस्टल से निकल गए। सोर्सेज के मुताबिक उन्होंने ऐसा इसलिए किया, क्योंकि बवाल में शामिल और इंस्टीट्यूट के खिलाफ बगावत पर उतारू स्टूडेंट बाकी के स्टूडेंट्स पर हॉस्टल न खाली करने का प्रेशर बना रहे हैं। जबकि कॉमन स्टूडेंट इंस्टीट्यूट के माहौल को देखते हुए हॉस्टल खाली करने के मूड में हैं।

Teachers कालोनी भी खाली

हॉस्टल कैंपस में दो दिनों से चल रहे बवाल और मंडे को तनाव को देखते हुए टीचर्स कॉलोनी भी लगभग खाली हो गई है। टीचर्स ने फैमिली मेंबर्स को रिश्तेदारों के घर शिफ्ट कर दिया है। वैसे सिक्योरिटी प्वाइंट ऑफ व्यू से डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने हॉस्टल व इंस्टीट्यूट कैंपस में भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात किया है। घर व सामान की सुरक्षा के मद्देनजर हर घर से एक मेंबर कालोनी में है। लेकिन उनमें इतनी दहशत है कि वे एक ग्रुप में एक जगह जमा हैं. 

Result ठीक है फिर हंगामा क्यों?

स्टूडेंट्स के हंगामे पर क्वेश्चन मार्क लगाते हुए इंस्टीट्यूट के ऑफिसर ने कहा कि रिजल्ट तो ठीक है। फिर समझ में नहीं आ रहा है कि स्टूडेंट इस तरह का बवाल करने पर क्यों उतारू हैं। डायरेक्टर एनआर भाटिया के मुताबिक स्टूडेंट्स ने अभी तक रिटेन में कोई अपनी डिमांड भी नहीं की है। बातचीत में वे बस इतना कहते हैं कि रिजल्ट बदल दीजिए। जब उनसे ये बोला जाता है कि ये पॉसिबल नहीं है तो वे बवाल करने लगते हैं। डायरेक्टर सहित इंस्टीट्यूट के अन्य फैकल्टी मेंबर ये सब एक्स डायरेक्टर पीके सिंह की साजिश मान रहे हैं। इसके लिए उनका तर्क है कि स्टूडेंट्स ने उन्हीं टीचर्स को निशाना बनाया है, जो पीके सिंह का सस्पेंशन कराने में सक्रिय रहे। उनका एग्जाम व एग्जामिनेशन कमेटी से कोई संबंध नहीं है।

First semester में अधिक fail

इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर सहित अन्य फैकल्टी मेंबर स्टूडेंट्स के रिजल्ट को संतोषजनक मान रहे हैं। उनका कहना है कि बीते सालों में भी ऐसा ही रिजल्ट रहा है। डायरेक्टर की ओर से दी गई इंफॉर्मेशन के मुताबिक सबसे अधिक स्टूडेंट इंजीनियरिंग कोर्स के फस्र्ट सेमेस्टर में फेल हुए हैं। 346 स्टूडेंट्स में से 119 का बैक आया है। 107 स्टूडेंट फेल हैं। इस कोर्स में पास स्टूडेंट्स की संख्या 120 है। थर्ड सेमेस्टर में 313 स्टूडेंट्स में से 63 का, फिफ्थ सेमेस्टर में 322 में से 64 स्टूडेंट्स का बैक है। फस्र्ट सेमेस्टर मैनेजमेंट कोर्स में 145 स्टूडेंट्स में से 38 का बैक है। स्टूडेंट रिजल्ट में इसी बात को लेकर खफा हैं। उनका कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स का बैक कैसे आया?

AU में भी tension

आईईआरटी के अलावा इलाहाबाद यूनिवर्सिटी कैंपस में भी मंडे को तनाव बरकरार रहा। ताराचंद और केपीयूसी हॉस्टल से केवल उन्हीं स्टूडेंट्स को बाहर जाने की इजाजत दी गई, जिन्हें एग्जाम में शामिल होना था। इसके चलते पूरे दिन कैंपस में हॉस्टल में शांति बनी रही। कहीं से भी किसी भी प्रकार के बवाल की सूचना नहीं मिली। वर्चस्व की लड़ाई में ताराचंद और केपीयूसी हॉस्टल में छिड़ी जंग को मंडे को यूनिवर्सिटी ऑफिसर्स के साथ डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन भी पूरी तरह से एलर्ट रहा। आर्ट फैकल्टी व हॉस्टल्स में भारी संख्या में पुलिस के जवान व आरएएफ तैनात रही। चीफ प्रॉक्टर ने आरएएफ के साथ कैंपस का जायजा लेने के लिए कई बार मार्च भी किया. 

पूरी उम्मीद है कि स्टूडेंट हॉस्टल खाली करने के लिए जारी किए गए ऑर्डर का पालन करेंगे। वे ऐसा नहीं करते तो ट्यूजडे को निर्धारित टाइम ड्यूरेशन के बाद हॉस्टल खाली कराने के लिए सख्त कदम उठाया जाएगा।

एनआर भाटिया, डायरेक्टर आईईआरटी