बाहर क्यों चले जाते हैं VC

एयू के चार स्टूडेंट्स पर ट्यूजडे को हुई कार्रवाई के बाद हंगामे की आशंका के चलते कैम्पस के बाहर रैपिड एक्शन फोर्स तैनात कर दी गई। जिससे आरोपी स्टूडेंट्स बैकफुट पर नजर आए। हालांकि, उन्होंने वाइस चांसलर ऑफिस पर मानव श्रृंखला बनाकर अपना विरोध दर्ज कराया, जिससे एयू टीचर्स की त्यौरियां चढ़ी रहीं। टीचर्स की नाराजगी इस बात को लेकर ज्यादा थी कि मानव श्रृंखला में सस्पेंड किए गए स्टूडेंट्स कैसे शामिल हैं। उधर, इम्प्लाइज का एक धड़ा इस बात को लेकर नाराज देखा गया कि जब भी कोई घटना होती है कुलपति जी बाहर क्यों चले जाते हैं।

महिला teachers भी सहमीं

वहीं इलाहाबाद यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन की मीटिंग में वुमेन एडवाईजरी बोर्ड की प्रेसीडेंट प्रो। रंजना कक्कड़ ने खुलासा किया कि उनसे बड़ी संख्या में गल्र्स स्टूडेंट मिलीं और उन्होंने कम्प्लेन भी दर्ज करवाई है कि कैम्पस का एटमासफियर अनसिक्योर होने के कारण उनके पैरेंट्स उनपर पढ़ाई छोडऩे का दबाव बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि छात्राएं ही नहीं इस माहौल में महिला टीचर्स की भी कई तरह की कम्प्लेन उनके पास आई है। इसके अलावा कुछ टीचर्स ने इस बात की कम्लेन भी की है कि उन्हें स्ट्राइक खत्म करने के लिए धमकाया जा रहा है।

भरपाई के लिए रद कर देंगे छुट्टी

एयू कैम्पस में हुई मीटिंग के बाद आटा प्रेसीडेंट गिरीश चन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि टीचर्स अब तक के एक्शन से सेटिस्फाइड नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मात्र चार स्टूडेंट्स का सस्पेंशन उनके आन्दोलन को खत्म नहीं कर सकता और न ही इससे कैम्पस के सिक्योर होने की कोई गारंटी बनती है। उन्होंने कैम्पस में सेंट्रल फोर्स, हॉस्टल्स की कड़ी सुरक्षा, कैम्पस में आने-जाने का रास्ता अलग-अलग किए जाने सहित कई डिमांड के पूरे न होने तक स्ट्राइक जारी रखने का डिसिजन लिया है। उन्होंने स्टूडेंट्स को आश्वस्त किया है कि टीचर्स अपना विंटर और समर वैकेशन रद करके पढ़ाई में हुए नुकसान की भरपाई करेंगे। वहीं एयू टीचर्स के समर्थन में सभी ग्यारह कॉलेजेस के टीचर्स ने बांह में काली पट्टी बांधकर काम किया और अपना विरोध दर्ज करवाया।