मवाना/परीक्षितगढ़: क्षेत्र के ग्राम मवी के जंगल में बुधवार को एक किसान ने ईख के खेत में तेंदुआ को खड़े देखा, जिससे उसके होश उड़ गए। वही किसान के शोर मचाने पर आसपास के खेतों में काम कर रहे दर्जनों ग्रामीण व किसान लाठी, बल्लम, डंडें लेकर मौके पर पहुंच गए और घंटों तेंदुए की तलाश की, लेकिन वह ग्रामीणों के हत्थे नहीं आया। वहीं मवाना के गांव मीवा व मटौरा के जंगल में तेंदुए के पैर के निशान देखे जाने की चर्चा है। इससे ग्रामीण दहशत में हैं।

ईख के खेत में दिखा तेंदुआ

जानकारी के अनुसार क्षेत्र के ग्राम मवी निवासी किसान अनुज कुमार अपने खेत पर पानी चला रहा था। करीब ग्यारह बजे उसे नजदीक के ईख के खेत में एक तेंदुआ खड़ा देखा, तो उसके होश उड़ गए। उसने शोर मचाया तो आसपास के खेतों में काम कर रहे दर्जनों किसान मौके पर लाठी, बल्लम आदि लेकर मौके पर पहुंच गए। तेंदुए की घंटों तलाश की, लेकिन तेंदुआ ग्रामीणों के हत्थे नहीं लगा। गांव के ही लीलू ने दस दिन पूर्व अपने खेत में तेंदुए को देखा था।

खेतों पर जाने के कतरा रहे हैं

वहीं दो दिन पहले मवी के नजदीक के गांव गांवडा के जंगल में खेत में गन्ना की छिलाई कर रहे सुलेमान, नईमुद्दीन ने भी गांव के ही अब्दुल सत्तार के खेत में एक तेंदुए को देखा था। जंगल में तेंदुए की होने की खबर से आसपास के गांवों में दहशत का माहौल बना हुआ है। किसान खेतों पर जाने के कतरा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि गन्ने का सीजन चल रहा है मजबूरी में पशुओं के चारे के लिए खेतों पर जाना पड़ता है। बता दें कि क्षेत्र के जंगल में पिछले डेढ़ साल से तेंदुए का भय व्याप्त है। कुछ साल पहले ग्राम अगवानपुर में तेंदुए ने हमला कर एक महिला को मौत के घाट उतार दिया था, जिससे वनविभाग के अधिकारियों को ग्रामीणों का रोष झेलना पड़ा था। वहीं नगर में भी एक महिला तेंदुए की शिकार हो गई थी। नीमका गांव में भी तेंदुए ने एक महिला को गंभीर रूप से घायल कर दिया था। एक साल पूर्व ग्राम बढ़ला के ग्रामीणों ने जंगल में एक तेंदुए के शावक व ग्राम दयालपुर के जंगल में वनविभाग की टीम ने ग्रामीणों की सहायता से एक तेंदुए को पकड़ा था। जिसके पैर में शिकारियों द्वारा लगाया गया खटका फंसा हुआ था। जिसकी बाद में उपचार के दौरान मौत हो गई थी। वही ग्रामीणों में वनविभाग के प्रति काफी रोष था, क्योंकि वनविभाग के अधिकारी क्षेत्र में तेंदुए होने की बात से इनकार कर जंगली कुत्ते व जंगली बिल्ली होने का अलाप जपते रहे थे। परीक्षितगढ़ क्षेत्र में तेंदुए की दस्तक के बाद अब मवाना क्षेत्र में भी लोग दशहत में आने लगे हैं। पशुओं के लिए चारा ने गए कुछ लोगों ने मीवा व मटौरा के जंगल में तेंदुए के पंजे के निशान देखे जाने की अफवाह फैला दी। इससे ग्रामीण दहशत में आ गए। पूर्व में तेंदुए के आतंक के चलते क्षेत्र में महीनों तक लोगों के मन से तेंदुए का भय नहीं निकला था। बाद में परीक्षितगढ़ क्षेत्र में वन विभाग की टीम द्वारा तेंदुए मारे जाने से लोगों के मन डर खत्म हो गया था, लेकिन फिर परीक्षितगढ़ क्षेत्र के गांवडा व मवी में तेंदुआ होने तथा मीवा व मटोरा के जंगल में पंजे के निशान देने जाने की अफवाह फैलाने से ग्रामीण फिर से दहशत में हैं। हालांकि मीवा मटौरा के ग्रामीण इसे सिरफिरे लोगों की करतूत बता रहे हैं।