- देहरादून में लगातार बढ़ रही है गुलदार की दहशत

- 5 सालों में 4 लोगों की गई जान, 3 घायल

- प्रदेश में 176 लोगों की 5 साल में गुलदारों ने ली जान

DEHRADUN: प्रदेश की राजधानी भी अब गुलदार के खौफ से खाली नहीं है। राजधानी के कई इलाकों में गुलदार की धमक देखने को मिल रही है, जिससे लोग दहशत में हैं। बीते गुरुवार को ही बाजावाला से गुलदार द्वारा एक बच्चे को उठा कर ले जाने की घटना से दून में एक बार फिर गुलदार की दहशत है। हालांकि इस घटना के संबंध में अभी तक कोई रिपोर्ट नहीं हुई है, न ही घटना की पुष्टि हो पाई है। हालांकि इसके बाद चाय बागान और एफआरआई के आस-पास गुलदार देखे जाने की जानकारी मिली है। वन विभाग द्वारा इलाके में गुलदार को कैद करने के लिए पिंजरा लगा दिया गया है और पुलिस व वन विभाग द्वारा कॉम्बिंग की जा रही है।

गुलदार को तलाश रहा विभाग

गुरुवार को दून के बाजावाल में गुलदार द्वारा एक बच्चे को उठाने की सूचना मिली। सूचना के बाद पूरे इलाके में दहशत फैल गई। वन विभाग और पुलिस की टीम द्वारा इलाके में कॉम्बिंग की गई, हालांकि अभी तक गुलदार के हमले की घटना पुष्ट नहीं हो पाई है। डीएफओ पीके पात्रो ने बताया कि बाजावाला और उसके आस-पास के इलाके से किसी ने भी बच्चे के मिसिंग होने की रिपोर्ट नहीं लिखाई है। उन्होंने बताया कि इलाके में दहशत को देखते हुए गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजरा लगा दिया गया है। उन इलाकों में कॉम्बिंग की जा रही है, जहां अक्सर गुलदार दिखाई देता है। साथ ही गुलदार के दहशत वाले क्षेत्र में लगातार कॉबिंग जारी है। दून में गुलदार द्वारा बच्चे को उठा ले जाने की घटना पहली नहीं है। ख्0क्फ्-क्ब् में दो और ख्0क्ब्-क्भ् में भी गुलदार ने दो लोगों को अपना निवाला बनाया था। पिछले पांच सालों में तीन लोगों को गुलदार हमला कर घायल भी कर चुका है। ख्0क्भ् में कालसी क्षेत्र में एक गुलदार को मैन ईटर भी घोषित किया गया था।

यहां है गुलदारों की धमक

दून के बाजावाला, एफआरआई, चाय बागान, रायपुर, कालसी, दुधली, मालदेवता।

म्फ् गुलदार मैन ईटर घोषित

बात अगर पूरे प्रदेश की करें तो गुलदार के हमले अब आम हो चुके हैं। आए दिन गुलदार के हमलों की सूचना मिलती है। पिछले पांच सालों में प्रदेश में गुलदार क्7म् लोगों की जान ले चुका है। घायलों का आंकड़ा इससे भी कई गुना है, पांच सालों में गुलदार के हमले में 80क् लोग घायल हुए हैं। वन विभाग द्वारा इस दौरान प्रदेश में म्फ् गुलदारों को मैन ईटर घोषित किया जा चुका है।

किस साल, कितने हमले

वर्ष मृत्यु

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