कवायद- कैट की मान्यता के लिए तैयारी कर रहा सूबे का वन महकमा

-रामनगर और हल्द्वानी का कैट रजिस्ट्रेशन नहीं

-लैंसडाउन डिविजन का हो चुका है रजिस्ट्रेशन

किस डिविजन में कितने बाघ?

-340 बाघ उत्तराखंड में

-38 बाघ रामनगर में

-18 बाघ हल्द्वानी में

-23 बाघ लैंसडाउन में

>DEHRADUN: राज्य का वन विभाग चाहता है कि उसके अधीन आने वाली सभी ऐसे फॉरेस्ट डिविजन जहां टाइगर हैं, उनको कैट (कंजर्वेशन एप्रूव्ड टाइगर स्टैंड‌र्ड्स) की मान्यता मिल जाए। इसके लिए उसने रामनगर और हल्द्वानी फॉरेस्ट डिविजन को तुरंत इसकी तैयारी करने को कहा है और निर्देश दिए हैं कि दोनों डिविजन्स क्भ् दिसंबर तक इसके लिए अप्लाई कर दें। लैंसडाउन फॉरेस्ट डिविजन का ही हाल में कैट रजिस्ट्रेशन हुआ है। अगर रामनगर और हल्द्वानी डिविजन को भी मान्यता मिल गई तो राज्य के वन महकमे के लिए ये एक बड़ी उपलि1ब्ध होगी।

कैट और उसकी मान्यता के मायने

बाघों के संरक्षण को लेकर कंजर्वेशन एप्रूव्ड टाइगर स्टैंड‌र्ड्स (कैट) का सर्टिफिकेशन एक बेंचमार्क है। इसका उद्देश्य ख्0ख्ख् तक विश्व में बाघों की संख्या को दोगुना करने का है। कैट के सर्टिफिकेशन पर ग्लोबल टाइगर फोरम और व‌र्ल्ड वाइल्ड लाइफ फंड इंटरनेशनल द्वारा मान्यता दी जाती है। इसके तहत फॉरेस्ट डिविजन को क्म्फ् मानकों पर खरा उतरना होता है। इनमें से कुछ खास मानक जंगल को आग से बचाना, बाघों की सुरक्षा का मैनेजमेंट प्लान, डिविजन में पेट्रोलिंग के लिए कितनी गाडि़यां, कितनी बार पेट्रोलिंग, जानवरों और इंसानों के संघर्ष से जुड़े तथ्य और किसी इंसान के मारे जाने पर कितना मुआवजा आदि हैं। इसके अलावा संबंधित डीएफओ को साक्ष्य के तौर पर सरकारी नोटिफिकेशन्स और चालान भी प्रस्तुत करने होते हैं।

क्या कहते हैं अधिकारी?

पश्चिमी डिविजन के कंजर्वेटर पराग मधुकर के मुताबिक पिछले दिनों चीफ वाइल्ड लाइफ वॉर्डन और वन विभाग के कई सीनियर ऑफिसर्स ने हल्द्वानी का दौरा किया था। इस बीच वहां के डीएफओ से उनकी लंबी चर्चा हुई और उम्मीद है कि क्भ् दिसंबर तक रामनगर और हल्द्वानी दोनों डिविजन्स मजबूत तरीके से संबंधित फ्रूफ देकर कैट का रजिस्ट्रेशन करा लेंगे।

प्रदेश के वन महकमे की तरफ से कैट के लिए प्लान भेजा गया है। अधिकारियों ने बताया है कि जल्द ही इन दोनों रेंजों के लिए अप्रूवल आ जाएगा।

दिनेश अग्रवाल, वन मंत्री।