- शहर के एटीएम हुए खाली तो काम आ रहे हैं सिक्के

- नोट बंदी के समय से ही पड़े हुए थे यह सिक्के

GORAKHPUR: कहते हैं कि खोटा सिक्का भी कभी-कभी काम आ जाता है, वैसे ये सिक्के खोटे नहीं हैं। नोटबंदी के समय से ही बैंक में पड़े सिक्कों की कीमत अब बैंकर्स के साथ ही पब्लिक को भी समझ में आ रही है। जो लोग वजन के चलते सिक्के लेने से कतराते थे वे भी बैंक से नोट में कैश नहीं मिलने पर सिक्के ले जा रहे हैं। जिले के बैंकों में करीब 10 करोड़ के सिक्के पड़े हुए हैं।

10 दिन चलेंगे यह रुपए

सिटी में सबसे अधिक पैसे एटीएम से निकाले जा रहे हैं इससे बैंकों में सिक्के पड़े हैं और एटीएम से नोट गायब हैं। आंकड़ें की बात करें सिटी में डेली 40 लाख रुपए एटीएम से तो 20 लाख रुपए बैंक से निकाले जाते हैं। वहीं रूरल एरिया में बैंक से 30 लाख तो एटीएम से 10 लाख की निकासी होती है। इस तरह डेली करीब एक करोड़ रुपए की निकासी होती है। वहीं सिटी के बैंक में 10 करोड़ के सिक्के पड़े हैं। इस तरह देखें तो सिर्फ इन सिक्कों से 10 दिनों तक काम चल सकता है।

दुकानों पर भी मिल रहे हैं सिक्के

नोट की कमी के बाद बैंक से लोग सिक्के लेने भी लगे हैं वहीं बैंकर्स भी पब्लिक से सिक्के लेने के लिए कह रहे हैं। बैंक के साथ ही अब मार्केट में भी सिक्के अधिक दिखने लगे हैं। यदि कोई 50 रुपए का नोट देकर 20-30 रुपए का सामान ले रहा है तो बाकी शेष रुपए नोट में न देकर, व्यापारी सिक्के ही दे रहे हैं। क्योंकि उन्हें बैंक से इस समय सिक्के अधिक मिल रहे हैं। फुटकर दुकानों के साथ ही साथ थोक विक्रेताओं के यहां भी ये सिक्के दिखने लगे हैं। रेती रोड के कपड़ा व्यापारी दुर्गेश जायसवाल का कहना है कि बैंक से सिक्के ही मिल रहे हैं तो हम भी तो ग्राहकों को यही दे रहे हैं। अगर किसी ग्राहक को 100 रुपए से कम वापस करना होता है तो हम सिक्का ही दे रहे हैं।

सबसे अधिक पांच और दो के सिक्के

बैंकों की मानें तो जिले के बैंक शाखाओं में सबसे अधिक सिक्के दो और पांच रुपए के सिक्के पड़े हुए हैं। 10 करोड़ रुपए में चार करोड़ रुपए के सिक्के पांच के और दो करोड़ रुपए दो-दो के सिक्के पड़े हुए हैं। वहीं एक रुपए के एक करोड़ और तीन करोड़ रुपए 10 रुपए के सिक्के पड़े हुए हैं।

बॉक्स

दूर होगी किल्लत, आरबीआई ने भेजे 100 करोड़

पिछले कई माह से पैसों की किल्लत दूर होने को है। शुक्रवार को आरबीआई ने एसबीआई को 100 करोड़ रुपए दिए हैं। यह रुपए शहर और ग्रामीण एरिया की बैंक शाखाओं के साथ ही साथ एटीएम के लिए भेज दिए गए हैं। इसमें 60 करोड़ रुपए ग्रामीण अंचल में और 40 करोड़ रुपए शहर के लिए आवंटित कर दिया गया है।

वर्जन

बैंक में सिक्के पड़े हुए हैं जबकि नोट की कमी है। यह सिक्के नोटबंदी के समय और बाद में भी बैंक में आए हैं। इन सिक्कों का उपयोग किया जा रहा है। जो व्यापारी पैसा निकालने आ रहे हैं, उनको मोटिवेट करके सिक्का ही दिया जा रहा है। वहीं जनरल पब्लिक को भी सिक्का देने की कोशिश की जा रही है।

- एके श्रीवास्तव, रीजनल मैनेजर, एसबीआई