6 डॉक्टर, 153 बेड, 35 डिलीवरी, 6 सिजेरियन

- कई शिफ्टों में करना पड़ रहा है डॉक्टर्स को काम

- डॉक्टर्स की कमी से पेशेंट्स को नहीं राहत

- हॉस्पिटल प्रशासन ने मांगे तत्काल 6 डॉक्टर

DEHRADUN: दून महिला हॉस्पिटल में दो नए वार्ड तो बना दिए गए हैं, लेकिन डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजों को राहत नहीं मिलती नहीं दिख रही। सिर्फ म् डॉक्टरों के भरोसे पूरा हॉस्पिटल चल रहा है, इनमें से भी एक-दो डॉक्टर रोज छुट्टी पर रहते हैं।

डेली ख्00 से ज्यादा ओपीडी

दून महिला हॉस्पिटल में रोजाना ख्00 से ज्यादा ओपीडी होती है। औसतन फ्भ् डिलीवरी और म् सिजेरियन भी होते हैं। ये पूरे काम म् डॉक्टरों को करने होते हैं, रोज दो डॉक्टर छुट्टी पर रहते हैं, इसलिए ब् डॉक्टरों के ऊपर ही रोजाना की ओपीडी, डिलीवरी और सिजेरियन की जिम्मेदारी रहती है।

70 से क्भ्फ् हुई बेड की संख्या

महिला हॉस्पिटल में पिछले दिनों एएनसी और पीएनसी वार्ड शुरू कर दिये गये हैं। इससे यहां बेड की संख्या 70 से बढ़कर क्भ्फ् हो गई है। पहले लेबर रूम में जाने तक महिलाओं को हॉस्पिटल के बरामदे में रहना पड़ता था। अब उन्हें बेड उपलब्ध करवाया जा रहा है, लेकिन डॉक्टरों की कमी के कारण बेहतर ट्रीटमेंट उन्हें नहीं मिल पा रहा।

बजट सिर्फ ब्0 बेड का

क्भ्फ् बेड के सापेक्ष महिला हॉस्पिटल को ब्0 बेड के लिए ही बजट मिल पा रहा है। मेडिकल कॉलेज के नॉ‌र्म्स के अनुसार दूसरे वर्ष में महिला हॉस्पिटल के लिए ब्0 बेड से ज्यादा का बजट नहीं दिया जा सकता। ऐसे में दिक्कतें मरीजों को ही झेलनी पड़ रही हैं।

बेकाबू हो सकती है स्थिति

हॉस्पिटल मैनेजमेंट का कहना है कि यदि जल्द ही म् और डॉक्टर्स हॉस्पिटल को नहीं मिलते तो यहां की स्थिति खराब हो सकती है। डॉक्टर्स को कई शिफ्ट में लगातार काम करना पड़ रहा है। यदि एक भी डॉक्टर को बीमार पड़ गई तो हॉस्पिटल को संभालना मुश्किल हो जाएगा।

हॉस्टिपल के हालात बहुत खराब हैं। बेड और पेशेन्ट्स की संख्या को देखते हुए कम से कम क्ख् और डॉक्टर्स चाहिए। हम तत्काल म् डॉक्टर्स की मांग कर रहे हैं। अभी हमारे पास जो डॉक्टर्स हैं उनसे लगातार काम लिया जा रहा है और लम्बे समय तक ऐसा करना संभव नहीं है।

डॉ। मीनाक्षी जोशी, इंचार्ज, दून महिला हॉस्पिटल।