- डॉक्टर्स व तीमारदारों के बीच बढ़ते झगड़े और मारपीट के मामलों को रोकने के लिए एमसीआई का फैसला

- मेडिकल एजूकेशन के सिलेबस में शामिल होगा शिष्टाचार का पाठ, देश के सभी मेडिकल कॉलेजों में स्किल लैब डेवलप होगी

- देश भर के मेडिकल कॉलेजों के मेडिकल एजूकेशन कोऑर्डिनेटर्स को दी जा रही है ट्रेनिंग, केजीएमयू बना ट्रेनिंग के लिए रीजनल सेंटर

KANPUR: हॉस्पिटल्स में डॉक्टर्स और तीमारदारों के बीच झगड़ा और मारपीट के मामले बढ़ते जा रहे हैं। डॉक्टर्स भी अपनी मर्यादा भूलकर अराजकता और मारपीट से पीछे नहीं हटते हैं। इन झगड़ों के कारण आए दिन डॉक्टर्स हड़ताल पर चले जाते हैं। जिसका खामियाजा गरीब, बेसहारा मरीजों को भुगतना पड़ता है। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया(एमसीआई) ने मामलों को गंभीरता से लेते हुए मेडिकल स्टूडेंट्स को शिष्टाचार का पाठ पढ़ाने का फैसला लिया है। शिष्टाचार का यह पाठ उनके सिलेबस में शामिल किया जाएगा। जिसमें उन्हें बताया जाएगा कि पेशेंट्स और तीमारदारों के साथ किस तरह बातचीत व व्यवहार करना है। कैसे उनके साथ बेहतर समन्वय स्थापित करें? एमसीआई की प्लानिंग के मुताबिक, मेडिकल स्टूडेंट्स को न्यू एकेडेमिक सेशन से ही शिष्टाचार का पाठ पढ़ाया जाएगा। इसके लिए एमसीआई ने सभी मेडिकल कॉलेजों के मेडिकल एजूकेशन कोऑर्डिनेटर्स (एमईसी) को ट्रेनिंग दिलवा रही है। यूपी व वेस्ट बंगाल के मेडिकल कॉलेजों के कोऑर्डिनेटरों को बीते दिनों केजीएमयू में ट्रेनिंग दिलाई है।

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कम्यूनिकेशन, एथिक्स एंड एटीट्यूड

एमसीआई ने पहली बार कम्युनिकेशन, एथिक्स व एटीट्यूड को एमबीबीएस के कोर्स में शामिल करने का डिसीजन लिया। न्यू एकेडमिक सेशन से ही इन तीनों को कोर्स में शामिल कर क्लासेस कराई जाएंगी। इसकी पहल इस लिए की गई है ताकि तीमारदारों व जूनियर डॉक्टरों के बीच ट््रीटमेंट को लेकर किसी तरह का विवाद न हो। एमसीआई ने एटकॉम माड्यूल इयर 2018 में जारी कर दिया था। किंगजार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के मेडिकल एजूकेशन डिपार्टमेंट को मेडिकल एजूकेशन कोऑर्डिनेटर्स का रीजनल सेंटर बनाया गया है। इस सेंटर में 7 से 10 जनवरी के बीच चार दिवसीय ट्रेनिंग यूपी के सभी 12 गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज व प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों के एमईसी को ट्रेनिंग दी है। ये एमईसी ही अपने-अपने मेडिकल कॉलेजों में मेडिकल फैकल्टी की ट्रेनिंग देंगे।

एमसीआई का राेडमैप तैयार

पहली बार देश के सभी मेडिकल कॉलेजों में स्किल लैब डेवलप करने के डायरेक्शन एमसीआई ने दिए हैं। मेडिकल कॉलेजों की स्किल लैब में मेडिकल स्टूडेंट्स को व्यवहारिक ट्रेनिंग दी जाएगी। स्टूडेंट्स को ट्रीटमेंट के टाइम किस तरह का एटीट्यूड रखना चाहिए यह भी उन्हें लैब में बताया व सिखाया जाएगा। नए सेशन से मेडिकल कॉलेजों मेंें एटीट्यूड, एथिक्स व कम्युनिकेशन की क्लासेस लगने लगेंगी।

वर्जन

मेडिकल स्टूडेंट्स को नए सेशन से यह भी पढ़ाया जाएगा कि मरीजों के साथ किस तरह व्यवहार करना है और तीमारदारों से कैसे बेहतर समन्वय रखना है। केजीएमयू में बीते दिनों इसे लेकर मेडिकल कॉलेजों के मेडिकल एजूकेशन कोऑर्डिनेटर्स को ट््रेनिंग दी गई है।

- प्रो। डॉ। संदीप कौशिक, एमईसी, कन्नौज मेडिकल कॉलेज

वर्जन

पहली बार मेडिकल कॉलेजों की हिस्ट्री में सिलेबस में एटीट्यूड , एथिक्स और कम्युनिकेशन को शामिल किया जा रहा है। स्किल लैब में मेडिकल स्टूडेंट्स को व्यवहारिक ट्रेनिंग दी जाएगी। यही नहीं मेडिकल कॉलेजों की फैकल्टी को भी ट्रेनिंग दी जाएगी कि किस तरह से स्टूडेंट्स को पढ़ाना है।

- प्रो। डॉ। संजय काला, एमईसी, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज कानपुर