- नौकरी से छुट्टी लेकर निभाते हैं रामलीला के पात्रों का चरित्र

- जुनून और उत्साह के साथ-साथ दिखता है भक्ति का रंग

आई स्पेशल

मेरठ। रामलीला में कलाकारों पर भक्ति का जुनून इस कदर सिर चढ़कर बोलता है कि वे अपना काम धाम सब कुछ छोड़कर भगवान राम समेत अन्य पात्रों के रंग में रंग जाते हैं। इन कलाकारों के लिए रामलीला किसी त्योहार से कम नही है। विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारी रामलीला के चरित्रों में पूरी तरह से रम जाते हैं।

प्राईवेट कंपनी में जॉब

रजबन रामलीला कमेटी में बीते 12 साल से राम और सीता का किरदार बखूबी निभाने वाले पात्र अनिल मसीह और मोनू दिल्ली में एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं। लेकिन रामलीला के दिनों में वे हर साल 15 से 20 दिन की छुटटी लेकर अभिनय करते हैं अनिल मसीह शॉपिंग मॉल में काम करते हैं और हर साल राम का पात्र निभाते हैं। वहीं मोनू प्राइवेट कनेक्ट्रेट का काम करते हैं जो हर साल रजबन रामलीला में माता सीता का रोल बखूबी निभा रहे हैं।

कैंट बोर्ड के बाबू बनेंगे लक्ष्मण

मेरठ कैंट बोर्ड में बाबू के पद पर कार्यरत सुनील कनौजिया भी रजबन रामलीला में पिछले कई सालों से लक्ष्मण का रोल बखूबी निभा रहे हैं। सुनील रामलीला के दौरान अपने कार्यालय से छुट्टी नही लेते बल्कि दिन में काम के बाद शाम के समय देर रात तक रामलीला में अभिनय करते हैं।

शौक के लिए अभिनय

रजबन रामलीला में हर साल राम सीता व लक्ष्मण का महत्वपूर्ण पात्र निभाने वाले ये तीनों कलाकार पैसों के लिए नही बल्कि अपने शौक के लिए अभिनय करते हैं। ये लोग अभिनय का पैसा लेने के बजाए रामलीला आयोजन में अपना आर्थिक योगदान करते हैं।