-पीयू के पार्ट टू व थर्ड के रिजल्ट प्रकाशन पर लगी रोक

-पटना वीमेंस कॉलेज के 319 छात्राओं के मामले में कोर्ट ने सुनाया आदेश

PATNA: पीडब्ल्यूसी की फ्क्9 छात्राओं को फॉर्म भरने से वंचित रखने के पीछे रजिस्ट्रार के पत्र को कारण बताया गया। जिस पर अदालत ने तल्ख टिप्पणी करते हुए पूछा कि क्या रजिस्ट्रार का पत्र कानून से ऊपर है? पटना यूनिवर्सिटी पार्ट टू व थर्ड का रिजल्ट हाई कोर्ट के आदेश के बिना प्रकाशित नहीं कर पाएगा। पटना वीमेंस कॉलेज की फ्क्9 छात्राओं को परीक्षा में शामिल होने की अनुमति नहीं मिलने के मामले पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने यह निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि बगैर कोर्ट के आदेश के परीक्षा का परिणाम घोषित नहीं कर सकते। छात्र संगठन एआईएसएफ के अभिषेक आनंद की ओर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (कार्यवाहक) जस्टिस इकबाल अंसारी के नेतृत्व वाली बेंच ने यह निर्देश दिया।

विशेष अधिकारों का प्रयोग क्यों नहीं

याचिकाकत्र्ता ने आवेदन में बताया है कि छात्राओं की अनुपस्थिति कम होना तो बहाना है। असल वजह इन छात्राओं द्वारा पिछले साल कॉलेज में हुई छेड़खानी की घटना का विरोध करना है। अदालत ने कॉलेज प्रशासन व पीयू वीसी से यह पूछा था कि छात्राओं की उपस्थिति के मामले में आखिर दोनों ने अपने विशिष्ट अधिकारों का प्रयोग क्यों नहीं किया? इन छात्राओं को विशेषाधिकार का प्रयोग कर परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी जा सकती है।

अपना पक्ष प्रस्तुत करें वीसी

इस पर कॉलेज की तरफ से अनुमति नहीं दिए जाने के लिए पीयू के रजिस्ट्रार के पत्र को कारण बताया गया। अदालत ने इस पर तल्ख टिप्पणी की। पूछा कि क्या रजिस्ट्रार का पत्र कानून से ऊपर है? अदालत ने आदेश जारी होने तक विवि द्वारा रिजल्ट प्रकाशित करने पर रोक लगा दी। कोर्ट ने वीसी को मामले में अपना पक्ष रखने का भी निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई फ्क् मार्च को हेागी। ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन की ओर से बहस में हिस्सा ले रहे वरीय अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि कॉलेज में भ्ब् परसेंट पर छात्रा को फॉर्म भरने की अनुमित दी जा रही है। वहीं ठोस कारण से अनुपस्थित होने पर म्भ् से म्8 परसेंट वाली छात्रों को परीक्षा फॉर्म भरने की जानकारी कोर्ट को दी गई। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई।