नोट:-फोटो इन में हैं

-इस बार दून की लीची में 40 फीसदी के उत्पादन की गिरावट

-पैदावार कम होने से सौ रुपए प्रति केजी तक पहुंचे लीची के दाम

DEHRADUN: दून की फेमस रसभरी लीची का स्वाद शायद इस बार आम लोगों तक पहुंच पाए। मौसम की बेरुखी के कारण पहले ही लीची के पैदावार में करीब 40 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया जा चुका है। ऐसे में साफ है कि जहां लीची के दाम आसमान छूने को हैं। वहीं माना जा रहा है कि लीची के दाम महंगे होने के कारण संभत: दून की लीची का स्वाद पिछले सालों की तर्ज पर हर कोइर्1 चख पाए।

बेमौसम मार से उत्पादन पर असर

दून की लीची देशभर में कभी अपना पहचान रखती थी, लेकिन यह सच है कि दून शहर और उसके आस-पास के इलाकों में ताबड़तोड़ हो रहे निर्माण कार्यो की वजह से लीची के हरे-भरे जंगल अब कंक्रीट में तब्दील हो गए हैं। पहले से ही सिकुड़ चुके देहरादून के लीची उत्पादन के क्षेत्रफल को देखते इस बार मार लीची की फसल पर मौसम की मार पड़ी। अप्रैल महीने में लगातार कई दिनों तक हुई बारिश के कारण लीची के बोर (फ्लावरिंगग) पर खासा असर पड़ा। जिस कारण अबकी बार देहरादून जिले के तमाम लीची उत्पादक एरियाज में करीब ब्0-भ्0 फीसदी लीची के उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई है।

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वर्ष--क्षेत्रफल---उत्पादन

ख्0क्ख्-क्फ्--फ्807--8ब्0भ्

ख्0क्ब्-क्भ्--फ्890--8ब्09

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जिले में सीमित इलाकों में ही रहा उत्पादन

देहरादून जिले में सबसे लीची के उत्पादन के लिए न केवल दून सिटी के पूरे इलाके, बल्कि सहसपुर, रायपुर, डोईवाला विकासनगर प्रमुख माने जाते थे। लेकिन अब देहरादून शहर में ऊंची-ऊंची इमारतें बनने से चली हरे-भरे पेड़ों पर आरियों के कारण लीची के उत्पादन का क्षेत्रफल सिमट गया है। नतीजतन, सहसपुर, डोईवाला, विकासनगर में ही कुछ उत्पादन सीमित रह गया है।

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बढ़ रहा लीची का उत्पादन

हार्टिकल्चर के मुताबिक यकीन हर साल लीची के प्रोडक्शन का एरिया व प्रोडक्शन बढ़ने के शानदार आंकड़े प्रस्तुत किए जा रहे हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि यह आंकड़े पौध की सप्लाई पर निर्भर हैं। अब बांटे गए यह पौध हकीकत में कितने जमीन पर रह गए हैं, खुद विभाग को भी जानकारी नहीं है। खुद विभाग के सूत्र बताते हैं कि हकीकत में सर्वे हो तो असलियत सामने आ जाएगी।

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दून की फेसम प्रजाति 'रोजसेंटेड'

रोजसेंटेड लीची प्रजाति से ही दून की पहचान है। रसभरी लीची की इस प्रजाति से दून की लीची फेसम है, जबकि कलकतिया स्पीसीज शहर में न के बराबर बताई गई है। रोजसेंटेड लीची प्रजाति की खासियत यह है कि गुठली कम, रस ज्यादा होता है। जिसका स्वाद भी लाजवाब माना जाता है।

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हफ्तेभर बाद दिखेगी बाजार में

इस बार शहर में लीची की कीमत क्00 रुपए प्रति केजी से शुरू है। महंगी लीची के कारण हर कोई लीची का स्वाद नहीं ले पा रहा है। हालांकि अभी तक बाजार में दून की लीची नहीं पहुंच पाई है। हफ्तेभर के वक्त के बाद दून की लीची का स्वाद चखने को मिलेगा। फिलहाल रामनगर, कोटद्वार की लीची मार्केट में दिखाई दे रही है।