एक दिन कर्मचारी जब ऑफिस पहुंचे तो उन्हें गेट पर एक बड़ा सा नोटिस लगा दिखा। लिखा था- इस कंपनी में जो व्यक्ति आपको आगे बढ़ने से रोक रहा था, कल उसकी मृत्यु हो गयी। हम आपको उसे आखिरी बार देखने का मौका दे रहे हैं, कृपया बारी-बारी से मीटिंग हॉल में जाएं और उसे देखने का कष्ट करें।

जो भी नोटिस पढ़ता उसे पहले तो दुख होता, लेकिन फिर जिज्ञासा हो जाती कि आखिर वो कौन था, जिसने उसकी ग्रोथ रोक रखी थी। वो हॉल की तरफ चल देता। गार्ड्स ने सभी को रोक रखा था और उन्हें एक-एक कर अंदर जाने दे रहे थे। अंदर जाने वाला व्यक्ति काफी गंभीर हो कर बाहर निकलता।

इस बार अंदर जाने की बारी एक पुराने कर्मचारी की थी। सबको पता था कि उसे हर एक चीज से शिकायत रहती है। कंपनी से, सहकर्मियों से, वेतन से हर एक चीज से। आज वो थोड़ा खुश लग रहा था। उसे लगा कि चलो जिसकी वजह से उसकी लाइफ में इतनी प्रॉब्लम्स थीं, वो गुजर गया। अपनी बारी आते ही वो तेजी से ताबूत के पास पहुंचा और बड़ी जिज्ञासा से अंदर झांकने लगा। पर ये क्या अंदर तो एक बड़ा सा आइना रखा हुआ था। यह देख वह क्रोधित हो उठा।

तभी उसे आईने के बगल में एक संदेश लिखा दिखा- इस दुनिया में केवल एक ही व्यक्ति है, जो आपकी ग्रोथ रोक सकता है और वो आप खुद हैं। इस पूरे संसार में आप वो अकेले व्यक्ति हैं, जो आपकी जिंदगी में बदलाव ला सकता है। आपकी जिंदगी तब नहीं बदलती, जब आपका बॉस बदलता है, जब आपके दोस्त बदलते हैं या जब आपकी कंपनी बदलती है। जिंदगी तब बदलती है, जब आप बदलते हैं, जब आप यह मानना शुरू कर देते हैं कि अपनी जिंदगी के लिए सिर्फ और सिर्फ आप जिम्मेदार हैं। सबसे अच्छा रिश्ता जो आप बना सकते हैं, वो खुद से बनाया रिश्ता है। खुद को देखिए, समझिए, कठिनाइयों से घबराइए नहीं, उन्हें पीछे छोड़िए। यकीन मानिए कि सच यही है कि सिर्फ आप ही हैं, जो अपनी दुनिया बदल सकते हैं।

कंफर्ट जोन से बाहर निकलना है जरूरी, वरना खतरे में पड़ जाएगा आपका अस्तित्व

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