-सजा के साथ-साथ अदा करना होगा 12 हजार रुपए का अर्थदंड

-तीन साल पहले बारासगवर थाना क्षेत्र के गांव बेलहा में हुई थी वारदात

- बेटे को गड़ासे से काट डाला था, विवाहित बहन ने दर्ज कराया था मां के खिलाफ मुकदमा

UNNAO: शनिवार को जिला अदालत की कोर्ट संख्या 9 ने हत्या के एक मामले में ऐसा फैसला सुनाया जिसे शायद ही कोई भविष्य में दोबारा सुनना चाहेगा। बारासगवर थाना क्षेत्र के गांव बेलहा में लगभग सवा तीन वर्ष पूर्व गड़ासे से काटकर बेटे की हत्या कर देने वाली मां को न्यायाधीश ने आजीवन कारावास और बारह हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।

बेटी को भी मारने का किया था प्रयास

बताते चलें कि 22 मार्च 2012 को बारासगवर थाना क्षेत्र के गांव बेलहा निवासी अहिबरन की पत्नी मीना देवी ने भोर पहर अपने बेटे को गड़ासे से काट कर मौत के घाट उतार दिया था। घटना की रिपोर्ट मृतक की विवाहित बहन ¨रकी पत्नी सुनील निवासिनी पुरौना ने दर्ज कराई थी। रिंकी ने रिपोर्ट में कहा था कि 21 मार्च 2012 को अपने बीमार भाई रामबाबू को देखने अपने मायके आई थी। रात में भाई रामबाबू को दौरा पड़ा तो मां मीना ने उसे भभूत आदि खिला झाड़ फूंक कराई। कुछ राहत होने के बाद भाई सो गया। सुबह लगभग 6 बजे मां उठी और रामबाबू की गर्दन को चक्की के पत्थर पर रखकर गड़ासे से काट कर मौत के घाट उतार दिया। ¨रकी का कहना था कि भाई को बचाने का प्रयास किया तो मां गड़ासा लेकर मुझे भी मारने दौड़ी। उसने पड़ोसी के घर में घुसकर किसी तरह अपनी जान बचाई।

ऐसा कैसे कर सकती है मां?

पुलिस ने बेटी की ओर से हत्या का मुकदमा दर्ज कर बेटे की हत्या में आरोपित मां मीनादेवी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। हत्या में प्रयुक्त गड़ासा भी पुलिस ने बरामद कर लिया। मुकदमे की सुनवाई कोर्ट संख्या 9 के अपरसत्र न्यायाधीश मोहम्मद रिजवानुल हक कर रहे थे। गवाहों के बयान और अधिवक्ताओं की दलील सुनने के बाद न्यायाधीश ने बेटे की हत्या करने वाली मां को आजीवन कारावास और 12 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। पूरा मामला और फैसला सुनकर लोग हैरत में हैं। सभी की जुबां पर एक ही सवाल है कि एक मां आखिर ऐसा कैसे कर सकती है।