सूखे से प्रभावित फसलों का असर

ऐसे में देश के कुछ क्षेत्रों में अच्छी बारिश को छोड़ दें तो देश के ज्यादा पॉपुलर राज्यों के लिए यह स्िथति काफी चिंतनीय है। उत्तर प्रदेश में अभी भी मौसम काफी गर्म और तल्ख तेवरों में हैं। इस देश के तापमान के मुताबिक उत्तर प्रदेश अभी भी 43.4 डिग्री तापमान पर चल रहा है। यही हाल राजस्थान जैसे राज्यों में भी बना है। हां इस दौरान बारिश का असर देश के कुछ पश्िचमी राज्यों में देखने को मिल रहा है। हालांकि इस दौरान साफ है कि उत्तर प्रदेश में बारिश देर से होने का असर पूरे देश पर पड़ सकता है। देश के बड़े खाद्दान्नों में गिना जाने वाला उत्तर प्रदेश उत्तप्रदेश भी वेस्टबंगाल की तरह अनाजों की पैदावार में अव्वल है। ऐसे में साफ है कि यहां पर सूखे से प्रभावित फसलों का असर देश में पड़ सकता है। हालांकि इस दौरान मौसम विभाग जल्द ही मानसून के आने का दावा लगातार कर रहे हैं।

200 मिलियन आबादी कवर

सूत्रों की मानें तो 1 जून को देश स्तर पर उत्तर प्रदेश को करीब 73% का घाटा हो चुका है। जिससे यह एक बड़ा चिंता का विषय है। बारिश देर से होने का असर गन्ना उत्पादन में भी काफी पड़ रहा है। करीब हर साल देश में करीब 40%  से अधिक गन्ने का उत्पादन करने वाल उत्तर प्रदेश इस बार काफी परेशान है। उत्तर प्रदेश करीब देश की 20% जमीन पर खाद्दान्न पैदा करता है। इतन ही नहीं यह चावल के मामले में भी वेस्ट बंगाल से किसी भी कीमत में कम नहीं है। यह भी देश के बड़े चावल उत्पादक राज्यों में शामिल है। जिससे उत्तर प्रदेश करीब देश की 200 मिलियन आबादी यानी की 20 करोड़ लोगों को अनाज मुहैया कराता है. जिससे इस राज्य का आउटपुट भी दूसरे राज्यों की तरह काफी अच्छा है।

किसान मीलों से स्विच कर रहे

इस संबंध्ा में इंडियन शुगर मिल्स एसोसियेशन के डायरेक्टर अबिनाश वर्मा का कहना है कि अगर बारिश इस बार उत्तर प्रदेश में बारिश कम होती है तो इसका शुगर की फसल पर काफी प्रभाव पड़ेगा। हालांकि अभी साथ में उनका कहना यह भी है कि अभी पहले से बारिश के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। ऐसे में बारिश आने के बाद ही इसकी भारपाई और पूर्ति के बारे में ही योजना बनाई जाएगी। वहीं इस संबंध्ा में उत्तर प्रदेश के एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के फार्मर डारयेरक्टर डी.एम. सिंह का कहना है कि इधर इस साल भी काफी किसान पहले ही गन्ने की मीलों से स्विच कर रहे हैं। हालांकि इसके पीछे उनका कहना है कि समय पर भुगतान न होने की वजह से मीलों को छोड़ना मजबूरी है। साथ ही उन्होंने भी कहा कि अब बारिश अगर और देर से आती है तो राज्य के फसल उत्पादन पर संकट छा सकता है।

Hindi News from Business News Desk

Business News inextlive from Business News Desk