कैसे लगा लें सेट
पूर्वांचल में फिल्मसिटी न होने का खामियाजा फिल्ममेकर्स को भुगतना पड़ता है। आउटडोर के लिए नेचुरल लोकेशन तो यहां पर मिल जाती है, लेकिन फिल्मसिटी न होने से इनडोर सेट नहीं बन पाते हैं। मुंबई से आने वाली हर फिल्म यूनिट अपना शेड्यूल बनाकर चलती है। यूनिट के रहने, खाने और उनको लोकेशन तक ले जाने का खर्चा भी तय कर लिया जाता है। यदि किसी वजह से शूटिंग नहीं हुई तो प्रोड्यूसर को भारी नुकसान होता है।

सबका फिक्स होता है चार्ज
किसी भी फिल्म, टीवी सीरियल या टेलीफिल्म को बनाने के लिए जरूरत की एक-एक चीजें जुटानी पड़ती हैं। लाइट्स, कैमरा, कॉस्ट्यूम सहित जरूरत की सभी चीजें किराये पर लानी पड़ती है। दिन के हिसाब से इसका भाड़ा तय हो जाता है। फिल्म के बजट के अनुसार प्रोड्यूसर संसाधनों का इंतजाम करते हैं। शूटिंग के लिए जरूरी सामानों की उपलब्धता पूर्वांचल में पूरी तरह से न होने की वजह से ज्यादातर सामान मुंबई से ढोकर लाना पड़ता है। आउटडोर के लिए यूनिट के मुंबई से रवाना होते ही चार्ज शुरू हो जाता है। शूटिंग हो या ना हो, लेकिन भाड़ा तो देना ही पड़ता है।  

सरकारी संस्थानों से भी मिलती है मदद
शूटिंग के लिए गवर्नमेंट प्रॉपर्टी का यूज करने पर निर्धारित शुल्क जमा कराना पड़ता है। अलग-अलग सिटी में इसके लिए अलग-अलग रेट तय हैं। लेकिन यहां पर यह सुविधाएं रियायती दरों पर मिल जाती हैं। फिल्मों की शूटिंग के दौरान सरकारी संस्थान भी खूब मदद करते हैं। कर्मचारियों और अधिकारियों का सहयोग मिलने पर यूनिट को निश्चित रूप से फायदा मिलता है। तीन साल पहले फिल्म केहू हमसे जीत ना पाई के लिए तत्कालीन फॉरेस्ट मिनिस्टर फतेह बहादुर सिंह ने पूरा सहयोग किया था। फिल्मों के स्कोप को देखते हुए प्रशासन भी रोकटोक नहीं करता है। कई बार लोग अपने घरों से भी जरूरत के सामान ले आते हैं। पब्लिक का कोआपरेशन भी डायरेक्टर्स और प्रोड्यूसर्स को खींचकर ला रहा है।

रोज दो लाख से ज्यादा की चपत
डायरेक्र्ट्स और प्रोड्यूसर का कहना है कि फिल्मों का अपना अलग-अलग बजट होता है। उसी के हिसाब से एक दिन की शूटिंग का खर्चा भी तय होता है। सिद्धार्थनगर के नचनी गांव में मनोज तिवारी और पाखी हेगड़े की फिल्म 'परमवीर परशुरामÓ की शूटिंग के लिए सात जून को यूनिट आई। फिल्म की शूटिंग का शेड्यूल मुंबई में 18 जून तक तय किया गया था। शूटिंग के दौरान एक्टर मनोज तिवारी घायल भी हो गए थे। उनके ठीक होने के बाद दोबारा शूटिंग शुरू हुई लेकिन मानसून ने पैकअप करा दिया। बारिश होने से यूनिट के आधे मेंबर लौट चुके हैं। अन्य लोगों को मंडे इवनिंग मुंबई रवाना किया गया। डायरेक्टर ने बताया कि बारिश की वजह से तीन दिन में लगभग आठ लाख का नुकसान हुआ है।

आगाज देखकर इन्होंने रद्द कर दी शूटिंग
जून लास्ट और जुलाई के फर्स्ट वीक में राजकुमार आर पांडेय अपनी फिल्म 'देवरा भईल दीवानाÓ और 'सईयां जी दिलवा मांगेलेÓ की शूटिंग करने वाले थे। पवन सिंह, मोनालिसा, चिंटू पांडेय और पाखी हेगड़े जैसे सितारों से सजी फिल्म की शूटिंग के लिए एक पखवारे तक यूनिट सिटी में रुकती, लेकिन बारिश का रुख को देखकर पहले ही पैकअप कर लिया। राजकुमार पांडेय ने बताया कि आगे की डेट के लिए किसी तरह से एडजस्टमेंट हो जाएगा लेकिन यूनिट लेकर आ जाते तो एक दिन में डेढ़ लाख से दो लाख नुकसान होता।
सिटी के मनोज कश्यप भी अपनी फिल्म 'तोहरा नजरिया में के बाÓ की शूटिंग जून के लास्ट में करने वाले थे, लेकिन बरसात देखकर उन्होंने शेड्यूल बदलकर नवंबर मंथ में कर दिया है। इससे उनको करीब एक लाख का नुकसान हुआ है।

बारिश पीछा नहीं छोड़ रही है। एक दिन का नुकसान करीब ढाई लाख रुपए आ रहा है। इसलिए शूटिंग कैंसिल कर दी गई है। आगे की शूटिंग सतारा में की जाएगी। बारिश में यहां शूटिंग कर पाना मुश्किल है। आउटडोर शूटिंग के लिए सन लाइट बहुत जरूरी है।
एस कुमार, डायरेक्टर

समय से पहले मॉनसून आने से हमने शेड्यूल चेंज कर दिया है। एक बार यूनिट आ गई तो नुकसान की भरपाई मुश्किल होगी। अभी थोड़े से नुकसान से काम चल जाएगा। इसलिए अब बरसात के बाद शूटिंग की जाएगी।
-राजकुमार आर पांडेय, डायरेक्टर

 

report by : arun.kumar@inext.co.in