- डीजीपी हेडक्वार्टर में आयोजित बैठक में दिया गया प्रेजेंटेशन

- शासन को जल्द भेजा जाएगा प्रस्ताव

LUCKNOW :

अहमदाबाद स्थित रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय की तर्ज पर यूपी में भी अपराध से जुड़े प्रासंगिक विषयों पर रिसर्च होगी, जिसका सीधा लाभ यूपी पुलिस को मिल सकेगा। इसी के मद्देनजर शनिवार को डीजीपी हेडक्वार्टर में बैठक का आयोजन हुआ, जिसमें रक्षा शक्ति विवि के डायरेक्टर जनरल आईपीएस विकास सहाय ने विभिन्न विभागों व उनकी कार्यप्रणाली पर डिटेल प्रेजेंटेशन दिया। वह इसे लेकर जल्द सीएम योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात करेंगे।

डीजीपी ने की पहल

अहमदाबाद में वर्ष 2009 में रक्षा शक्ति विवि की स्थापना हुई थी। वहां क्रिमिनोलॉजी, फोरेंसिक साइंस, साइबर क्राइम, फिंगर प्रिंट सहित अन्य अत्याधुनिक तकनीक के विषयों पर ग्रेजुएशन व पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स उपलब्ध हैं। डीजीपी सुलखान सिंह की पहल पर वर्ष 1988 बैच के आईपीएस ऑफिसर विकास सहाय ने शनिवार को पुलिस हेडक्वार्टर में रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रक्षा शक्ति विवि में होने वाले अनुसंधानों का सीधा लाभ पुलिस विभाग को मिलता है। यह विवि गुजरात सरकार के लिए थिंक टैंक का काम भी करता है। बैठक में अहमदाबाद के मॉडल के आधार पर जल्द उत्तर प्रदेश में भी पुलिस विश्वविद्यालय खोले जाने पर गहन चर्चा की गई। जल्द इसकी विस्तृत रूपरेखा तैयार कर पुलिस विश्वविद्यालय की स्थापना का प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा।

जमीन हो चुकी है आवंटित

गौरतलब है कि, लखनऊ में पुलिस प्रशिक्षण संस्थान के लिए 144 एकड़ भूमि आवंटित है। इस जमीन पर पुलिस विश्वविद्यालय की नींव रखी जा सकती है। बैठक में डीजीपी के अलावा एडीजी ट्रेनिंग संजय एम तरडे, आईजी स्थापना एसबी शिरड़कर, एएसपी डॉ.बीपी अशोक व डीजीपी के पीआरओ एएसपी राहुल श्रीवास्तव प्रमुख रूप से मौजूद थे। पीआरओ राहुल श्रीवास्तव ने बताया कि श्रीटॉन ने प्रदेश में विभिन्न विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों को साइबर क्राइम पर शिकंजा कसने का प्रशिक्षण दिलाए जाने के लिए रक्षा शक्ति विवि से सहमति बनाई है।