- शहर के कई इलाकों में है लाइन लॉस की समस्या, बिजली विभाग को हो रहा है घाटा

- अब लाइन लॉस न हो इसके लिए बिजली विभाग फिर से कर रहा है तैयारियां

बरेली

बिजली चोरी रोकने की तमाम कोशिशों के बावजूद शहर में लाइन लॉस में ज्यादा कमी नहीं आ रही है। इसके चलते विभाग को लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है। शहर के करीब आधा दर्जन इलाके ऐसे हैं जहां लाइन लॉस का आंकड़ा करीब 50 परसेंट तक है। यानि इन इलाकों में जितनी बिजली की खपत हो रही है उससे लगभग आधी बिजली का ही रेवेन्यू विभाग को मिल रहा है। ऐसे में विभाग को 50 परसेंट घाटा उठाना पड़ रहा है। पब्लिक की मानें तो इसके लिए बिजली विभाग के कर्मचारी ही जिम्मेदार हैं। विभाग के कर्मचारी बिजली चोरों पर कार्रवाई करने के बजाए सांठगांठ करके बिजली चोरी करवा रहे हैं।

इन इलाकों में सबसे ज्यादा लाइन लॉस

शहर के कुतुबखाना, शहदाना, जगतपुर, पीर बहोड़ा, परतापुर समेत घनी आबादी वाले इलाकों में लाइन लॉस सबसे ज्यादा होता है। बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इन इलाकों में जितनी बिजली सप्लाई हो रही है उससे उतनी इनकम नहीं हो रही है। हर बार बिजली विभाग को करीब 50 परसेंट का घाटा उठाना पड़ता है।

क्यों होता है लाइन लॉस

बिजली विभाग के एक्सईएन रंजीत चौधरी ने बताया कि बिजली विभाग जितनी बिजली सप्लाई करता है उसके अनुसार जितना रेवेन्यू आना चाहिए उससे कम आता है। जितनी बिजली का रेवेन्यू विभाग को नहीं मिल पाता है उसे ही लाइन लॉस में काउंट किया जाता है। उन्होने बताया कि लाइन लॉस के भी कई कारण हो सकते हैं। जैसे जिस इलाके में लाइन लॉस हो रहा है उस इलाके में या तो बिजली चोरी हो रही है या फिर वहां पर काम करने वाले कर्मचारी सही से बिलिंग नहीं कर पा रहे हैं। जिसकी वजह से इलाके में लाइन लॉस की समस्या आती है।

बिजली चोरों से करते हैं सांठ गांठ

कुतुबखाना सब स्टेशन से जुड़े इलाके के दुकानदारों ने लाइन लॉस का सीधा जिम्मेदार बिजली विभाग को ही बता दिया। उन्होने कहा कि इलाके में जो भी लोग चोरी करते है बिजली विभाग के कर्मचारी उनके साथ सांठ गांठ कर लेते हैं। उन पर कार्रवाई करने के बजाए सुविधा शुल्क लेकर उन्हें बिजली चोरी करने की छूट दे देते हैं। इसी के चलते लाइन लॉस होता है।

ओल्ड कंडक्टर की वजह से होता है फाल्ट

कुतुबखाना के एसडीओ गौरव शर्मा ने बताया कि उनके इलाके में पहले के मुकाबले ट्रिपिंग की समस्या करीब 70 परसेंट तक कम हो चुकी है, लेकिन अब भी जो ट्रिपिंग की समस्या आ रही है उसका एक ही खास रीजन है जो कि ओल्ड कंडक्टर हैं। पूरे कुतुबखाने में अधिकांश लाइने पुरानी हो चुकी हैं जिसकी वजह से भी बिजली ट्रिपिंग की समस्या आ रही है।

एक नजर में लाइन लॉस

कुतुबखाना

बिजली की डिमांड = 5 मिलियन यूनिट

कितना होता है लाइन लॉस = करीब 40 परसेंट

ट्रिपिंग की समस्या = पहले के मुकाबले करीब 30 परसेंट कम

जगतपुर

बिजली की डिमांड = 3.5 मिलियन यूनिट

लाइन लॉस = करीब 40 से 50 परसेंट

ट्रिपिंग की समस्या = पहले के मुकाबले 10 से 20 परसेंट कम

शाहदाना

बिजली की डिमांड = 3.5 मिलियन यूनिट

लाइन लॉस = करीब 40 से 50 परसेंट

ट्रिपिंग की समस्या = पहले के मुकाबले 10 से 20 परसेंट कम

नोट:: सभी आंकड़े बिजली विभाग की ओर से बताए गए हैं।

क्या बोले लोग

बिजली विभाग वाले ही कमीशनखोरी करते है इसीलिए लाइन लॉस हो रहा है। कर्मचारी जिसकी बिजली चोरी पकड़ते है उसे पैसे लेकर छोड़ देते हैं। ऐसे में बिजली को नुकसान नहीं होगा तो क्या होगा।

नदीम शमसी

बिजली विभाग ने जो प्राइवेट कर्मचारी लगा रखे हैं वो सबसे ज्यादा कमीशनखोरी करते हैं। सरकारी कर्मचारी फील्ड में आते नहीं हैं और प्राइवेट लोग सभी से सेटिंग करके बिजली चोरी करवाते हैं।

हसरैन खां

सब कुछ विभाग की मिलीभगत से हो रहा है। लाइन लॉस की समस्या से ट्रिपिंग की भी समस्या बहुत होती है। हांलाकि पहले के मुकाबले तो कम है। सबकी मिलीभगत, लेकिन भुगतना हमको पड़ता है।

अमित खन्ना

बिजली विभाग वाले चेकिंग के लिए भी नहीं आते हैं। उन्हे ऑन द स्पॉट बिजली चोरों के ऊपर कार्रवाई करनी चाहिए, जिसकी वजह से लाइन लॉस हो रहा है उन पर कार्रवाई हो तब ठीक होगा।

ब्रज बल्लभ मौर्य

टीम बनाकर करेंगे छापेमारी

एग्जिक्यूटिव इंजीनियर रंजीत चौधरी का कहना है कि लाइन लॉस का मुख्य कारण बिजली चोरी भी है। बिजली चोरी रोकने के लिए 50 से 100 लोगों की टीम बनाकर एक साथ अलग-अलग एरिया में छापेमारी करेंगे जिससे बिजली चोरी करने वालों को पकड़ा जा सके।