- अवैध स्लाटर हाउस बंद होने से चिडि़याघर के शेरों की खुराक पर नहीं होगा असर

LUCKNOW: अवैध बूचड़खानों के बंद होने से चिडि़याघर के मांसाहारी जानवरों की खुराक पर असर नहीं पड़ेगा। वैध बूचड़खानों से पर्याप्त मात्रा में उनके लिए मांस की व्यवस्था की जा रही है। यह जानकारी चिडि़याघर निदेशक डॉ अनुपम गुप्ता ने वन मंत्री दारा सिंह चौहान को दी। वन मंत्री दारा सिंह शुक्रवार को चिडि़याघर का दौरा किया और जानवरों को दी जा रही सुविधाओं के बारे में जानकारी ली।

खुराक से समझौता नहीं

चिडि़याघर के निदेशक अनुपम गुप्ता ने बताया कि मांसाहारी वन्य जीवों के लिए प्रतिदिन लगभग 220 किग्रा भैंस के मांस की आवश्यकता होती है। 22 और 23 मार्च को अचानक स्लाटर हाउस बंद होने से मांस की उपलब्धता ना होने से थोड़ी परेशानी हुई थी। लेकिन मांसाहारी जीवों की खुराक के साथ कोई समझौता नहीं हुआ। उन्हें बकरे और मुर्गे का मांस खाने के लिए दिया गया था। लेकिन शुक्रवार से आपूर्ति समान हो गई। वन मंत्री ने चिडि़याघर के साथ ही कानपुर चिडि़याघ और इटावा लॉयन सफारी में मांस की सप्लाई की जानकारी हासिल की। उन्होंने निर्देशित किया कि बेजुबानों की खुराक में आ रही अड़चनों को हर हाल में दूर किया जाए। कानपुर प्राणि उद्यान में लगभग 150 किग्रा भैंस के मांस की आवश्यकता प्रतिदिन होती है। जिसकी आपूर्ति उन्नाव स्लाटर हाउस से की जाती है। इटावा लॉयन सफारी में मौजूद शेरों के लिए लिए प्रतिदिन 80 किग्रा भैंस के मांस की जरूरत होती है जो कि आगरा के स्लाटर हाउस से अाता है।

मंत्री जी ने ली सेल्फी

वनमंत्री ने चिडि़याघर में चिम्पांजी के बाड़े, डियर लाइन सहित कई बाड़ों का निरीक्षण किया। उन्होंने चिडि़याघर में मौजूद दर्शकों से बात कर उपलब्ध सेवाओं की जानकारी भी ली। दर्शकों ने वनमंत्री के साथ सेल्फी भी ली। चिडि़याघर के निदेशक ने बताया कि बाराबंकी के जिलाधिकारी से वार्ता कर ली गयी है। उन्होंने बाराबंकी में मौूद स्लॉटर हाउस से पर्याप्त मात्रा में मांस की सप्लाई करने की बात कही है। वनमंत्री के चिडि़याघर भ्रमण के दौरान उप निदेशक, डॉ। उत्कर्ष शुक्ला और क्षेत्रीय वनाधिकारी पीयूष मोहन श्रीवास्तव भी मौजूद रहे।