- हाल-ए-मेडिकल कॉलेज

- आखिर क्यों ना उबले पेशेंट

GORAKHPUR: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में जले हुए मरीजों को राहत पहुंचाने के लिए बनाया गया 24 बेड का बर्न वार्ड एडमिट मरीजों की जलन और बढ़ता दिख रहा है। पंखे और एसी खराब होने के कारण आग से झुलसे पेशेंट इस भीषण गर्मी में उबल रहे हैं। झुलसे हुए मरीजों की गर्मी और अव्यवस्था से बढ़ी मुश्किलों की जब पूरी पड़ताल आईनेक्स्ट रिपोर्टर ने की तो कॉलेज प्रशासन की जबरदस्त लापरवाही की सच्चाई सामने आई। वार्ड में एडमिट महिलाओं के तीमारदार गर्मी के कारण पेशेंट की बढ़ी तकलीफ को देखकर बिलखते नजर आए। बेबस तीमारदार बिलखने के अलावा अपने पेशेंट के लिए कुछ कर भी नहीं पा रहे थे।

उबल रहे थे पेशेंट

आई नेक्स्ट रिपोर्टर सबसे पहले बर्न वार्ड पहुंचा। यहां न्यूरो के दस और बर्न के 13 पेशेंट एडमिट थे। गर्मी की वजह से उनकी हालत खराब थी। कई मरीज तो गर्मी के मारे कराह रहे थे। गर्मी ऊपर से बदन की गर्मी सभी को परेशान कर रही थी। वहीं पंखे गर्म हवा फेक रहे थे। तीमारदार पेशेंट को राहत पहुंचाने के लिए हाथ के पंखे चला रहा थे। हालत यह थी कि आंधे घंटे में हम लोग पसीने से पूरी तरह लथपथ हो गए। ऐसे में जरा सोचिए कि आग से झूलसे पेशेंट्स का क्या हाल होगा।

केबिन नंबर एक का हाल

बर्न वार्ड के केबिन एक में दो पंखे और एक एसी लगे थे और तीन पेशेंट भर्ती किए गए थे। यहा लगे पंखे स्लो गति से चल रहे थे तथा एसी बंद था। गर्मी के मारे पेशेंट के साथ तीमारदारों का हाल बेहाल था लेकिन एसी बंद पड़ा था। ऐसे में यह बड़ा सवाल है कि लाखों रुपये खर्च कर बर्न पेशेंट के लिए एसी लगाए गए तो गर्मी के पहले उसे क्यों नहीं ठीक कराया गया। सोचिए ऐसे एरिए में पेशेंट का क्या हाल होगा।

गर्मी तो ले लेगी जान

दूसरे नंबर केबिन में एक पेशेंट एडमिट था। इसमें लगे दो बेड पूरी तरह से खाली थे। एसी बंद पड़ा था। जिससे पेशेंट गर्मी से परेशान थे। यहां जो पंखे लगे थे वह भी रेंगते हुए चल रहे थे। पेशेंट गर्मी और दर्द से परेशान था।

आग की जलन से पेशेंट की तड़प

बर्न वार्ड के केबिन नंबर तीन का भी हाल बुरा था। इस केबिन में तीन पेशेंट एडमिट थे। जिसमें से सभी महिलाए थी। इसमें प्रवेश करते ही हालत खराब हो गई। पंखे से निकल रही गर्म हवा से सभी का हाल बेहाल था। तीमारदर पेशेंट की गंभीर हालत पर आंसू बहा रही थी। यह दृश्य बड़ा ही हृदय विदारक था। यहां के लोग इस गर्मी को नहीं झेल पा रहे थे। आग से झूलसे लोग इस गर्मी को कैसे बर्दाश्त कर रहे होंगे?

पंखा और एसी सब फेल

बर्न वार्ड के चार नंबर केबिन में छह बेड लगे थे। यहां एक पुरूष और पांच महिलाए एडमिट थी। गर्मी से वार्ड पूरी तरह से तप रही थी। खुली खिड़कियों से आ रही लू ने सभी को परेशान कर रखा था। ऐसा लग रहा था कि जैसे इस केबिल मे लोगों को बंद कर उबाला जा रहा है। पंखा गर्म हवा दे रहा था। सभी एसी बंद थे। झूलसे पेशेंट आग की गर्मी से तड़पते हुए कराह रहे थे। जिससे पूरी माहौल गूंज रहा था। अब आप ही बताइए यह पेशेंट अपने ऊपर हो रहे इस जुल्म को कैसे बताएं।

- भीषण गर्मी की वजह से पेशेंट की हालत बेहद ही खराब है। मेडिकल प्रशासन की ओर से लगाए गए एसी भी नहीं चल रहे है जिसकी वजह से और भी हाल खराब है। जब कि मेडिकल कॉलेज प्रशासन बेहतर इलाज का दावा करता है।

संतोष, खलीलाबाद