PATNA : इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कई सुविधाओं का फीता काटकर उद्घाटन किया है। इसमें लीवर ट्रांसप्लांट यूनिट भी शामिल हैं लेकिन इसके लिए अभी एक माह का इंतजार करना होगा। लीवर ट्रांसप्लांट को लेकर संस्थान के एक्सपर्ट का कहना है कि इसमें अभी कई काम बाकी हैं जो एक माह में पूरा कर लिया जाएगा। अगले माह से संस्थान में लीवर ट्रांसप्लांट होने की उम्मीद है जिस पर पूरे बिहार की निगाह टिकी है।

अब हाईटेक होगी व्यवस्था

स्वास्थ्य मंत्री ने संस्थान में 60 कमरे का प्राइवेट वार्ड, 32 एसी कमरा और चार डीलक्स रूम का उद्घाटन किया। इसके अलावा 6 बेड का बच्चों के आइसीयू का भी उद्घाटन किया गया। संस्थान में अत्याधुनिक तकनीक से बने वायरोलॉजी लैब का भी उन्होंने उद्घाटन किया। यहां पर सभी तरह की वायरसजनित बीमारियों की जांच की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अब आइजीआइएमएस 850 बेड का अस्पताल बन गया है। 1200 बेड का डीपीआर तैयार कर लिया गया है। इस दौरान नेत्र के मरीजों के लिए 40 बेड के वार्ड का शुभारंभ किया। इसके अलावा 25 बेड के ट्रांजिशन जोन का भी उद्घाटन किया गया।

हार्ट सर्जरी की भी तैयारी शुरू

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में में लीवर प्रत्यारोपण के बाद अब हार्ट सर्जरी की तैयारी की जा रही है। इसके पहले बाइपास सर्जरी प्रारंभ हो जाएगी। इसके लिए डॉक्टरों की नियुक्ति की जा रही है। उन्होंने कहा कि संस्थान में काम करने वाले डॉक्टरों को किसी भी कीमत पर प्राइवेट प्रैक्टिस की इजाजत नहीं दी जाएगी। इसकी शिकायत मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की कमेटी जांच करेगी। अगर जांच के दौरान शिकायत सही पाई गई तो संबंधित डॉक्टर पर कार्रवाई की जाएगी।

बनेगा ट्रॉमा सेंटर

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि संस्थान में एक ट्रॉमा सेंटर खोलने का प्लान किया जा रहा है। यह विक्रम में बने ट्रॉमा सेंटर के अतिरिक्त होगा। आइजीआइएमएस में बनने वाला ट्रॉमा सेंटर एड्स कंट्रोल सोसायटी के ावन में ही बनाया जाएगा। सोसायटी के पुराने भवनों को तोड़कर नए भवन निर्माण पर विचार किया जा रहा है। इसके लिए शासी निकाय ने मुहर लगा दी है। मंत्री ने कहा कि आइजीआइएमएस में पहली बार लीवर ट्रांसप्लांट यूनिट तैयार की गई है। अब तक राज्य के लीवर के मरीजों को ट्रांसप्लाट के लिए राज्य से बाहर जाना पड़ता था।