रामलीला के कलाकार मंचन के दौरान जी रहे सादा जीवन

रामलीला के लिए श्री पथरचट्टी रामलीला कमेटी के परिसर में शुरू हुआ रिहर्सल

ALLAHABAD: श्री पथरचट्टी रामलीला कमेटी की ओर से प्रतिवर्ष आयोजित की जाने वाली नौ दिन सुनिए कथा रामराज्य की रामलीला को वर्ष 2016 में उत्तर भारत की सर्वश्रेष्ठ रामलीला का खिताब प्रदान किया गया था। यह शहर की ऐसी रामलीला है जहां सबसे पहले रामलीला को भव्यता देने के लिए कलाकारों का रिहर्सल शुरू होता है। रिहर्सल के दौरान कलाकारों की दिनचर्या पूरी तरह से बदल गई है। कलाकारों ने खानपान से लेकर रोजमर्रा के जीवन को भी बदल लिया है।

चार घंटे चलता है रिहर्सल

कमेटी परिसर में रामलीला निर्देशक अश्रि्वनी अग्रवाल की देखरेख में 22 अगस्त से रोज शाम 4.30 बजे से लेकर रात को 8.30 बजे तक प्रभु श्रीराम, लक्ष्मण, माता जानकी व लंकेश सहित अन्य कलाकारों को अभिनय की बारीकियां सिखाई जा रही हैं। रिहर्सल में प्रमुख रूप से राम की भूमिका में सनी गुप्ता, माता जानकी की भूमिका में भानुप्रिया त्रिपाठी, लक्ष्मण की भूमिका में सचिन श्रीवास्तव और लंकेश की भूमिका को परंपरागत ढंग से करने के लिए सतीश मिश्रा बारीकियां सीख रहे हैं।

सीता ने छोड़ी पढ़ाई, राज जा रहे जिम

सीता की भूमिका निभाने वाली भानुप्रिया त्रिपाठी प्रयाग संगीत समिति से कथक सीख रही हैं। रिहर्सल की टाइमिंग की वजह से उन्होंने दो महीने के लिए छुट्टी ले रखी है। बिजनेसमैन सनी गुप्ता, हाईकोर्ट में अधिवक्ता सचिन श्रीवास्तव व अस्टिेंट प्रोफेसर सतीश मिश्रा अक्सर फास्ट फूड के लिए रेस्टारेंट जाते थे। जिस दिन से रिहर्सल शुरू हुआ है तीनों घर पर सात्विक भोजन ग्रहण कर रहे हैं। सनी और सचिन तो सुबह पांच बजे उठकर जिम भी जा रहे हैं। लंकेश की भूमिका निभाने वाले सतीश मिश्रा मुश्किल से तीन घंटे ही सो पा रहे हैं, क्योंकि सुबह आठ से लेकर शाम चार बजे तक शिक्षण कार्य करते हैं और उसके बाद रात नौ बजे तक रिहर्सल में व्यस्त रहते हैं।

समाज के लिए इससे अच्छा सरोकार कुछ नहीं हो सकता। दो महीने के लिए बिजनेस से दूर होने का फैसला किया है। ताकि प्रभु के आदर्श के अनुरूप चरित्र को जीवंतता रूप प्रदान कर सकूं।

सनी गुप्ता

माता जानकी की भूमिका के लिए वैसा ही आदर्श प्रस्तुत करना कठिन काम है। संगीत समिति में शिक्षकों के सामने अपनी बात रखी तो उन्होंने खुशी खुशी छुट्टी दे दी, क्योंकि कथक और रिहर्सल की टाइमिंग एक थी।

भानुप्रिया त्रिपाठी

मांसाहारी भोजन दो महीने के लिए बंद कर दिया है। स्टेमिना बढ़ाने के लिए जिम जा रहा हूं और वकालत के पेशे से जुड़ा होने के बावजूद रिहर्सल के दौरान क्लाइंट का फोन नहीं उठाता हूं।

सचिन श्रीवास्तव

रिहर्सल शुरू होने के साथ ही सात्विक भोजन ग्रहण कर रहा हूं। सोने का समय भी बहुत कम मिलता है। लेकिन प्रयास रहेगा कि लंकेश की भूमिका को बेहतरीन ढंग से मंच पर पेश कर सकूं।

सतीश मिश्रा