-काउंसलिंग सेंटर से पेपर्स आदि फेंके, मौके पर पहुंची फोर्स ने छात्रों को समझाया

-मांग पूरी नहीं होने पर थर्सडे को भी काउंसलिंग रुकवाने की दी चेतावनी

BAREILLY :

बरेली कॉलेज में वेडनसडे सुबह शुरू हुई एलएलबी की काउंसलिंग में सछास ने विरोध जताते हुए हंगामा कर दिया। छात्र नेता अपनी मांगों को पूरा कराने पर अड़ गए। सछास ने आरोप लगाया कि बीजेपी के दबाव में आकर काउंसंलिंग में मनमानी की जा रही है। विरोध करने पर सछास नेताओं ने पेपर्स आदि फेंक दिए। हंगामा बढ़ा तो प्रचार्य ने पुलिस बुला ली। उसके बाद भी काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी।

320 सीटों के लिए होनी है काउंसंलिंग

काउंसलिंग प्रक्रिया में प्राचार्य पर मनमानी का आरोप लगाते हुए सछास ने एक दिन पहले ही विरोध की चेतावनी दी थी। जिस पर छात्र नेता हृदेश यादव के साथ दर्जनों छात्र काउंसलिंग सेंटर पर पहुंचे। छात्र नेताओं ने मांग रखी कि कॉलेज में 320 सीट हैं। जिसमें 50 प्रतिशत सीट जनरल कोटे से भरी जानी हैं, उसके लिए पहले काउंसलिंग की जाए। जिसके बाद आरक्षण कोटे की बची सीटों को भरा जाए। ताकि आरक्षण कोटा का अभ्यर्थी लाभ ले सकें। लेकिन कॉलेज ने ओपन मेरिट से एससी, ओबीसी और जनरल सहित एसटी के अभ्यर्थी को बुला लिया।

एबीवीपी ने भी जताया विरोध

एबीवीपी ने भी काउंसलिंग में लगाए गए फर्जी सर्टिफिकेट की जांच कराने की मांग कर दी। एबीवीपी ने मांग करते हुए बताया कि कुछ छात्रों ने एलएलबी में एडमिशन पाने के लिए फर्जी प्रमाण पत्र लगाए हैं। जिनकी जांच करानी चाहिए।

प्राचार्य का िकया घेराव

सछास ने काउंसलिंग प्रक्रिया रूकवाने के बाद प्राचार्य का भी घेराव किया। लेकिन प्राचार्य वहां से निकल लिए। जिसके बाद छात्र नेता प्राचार्य ऑफिस में ही बैठ गए और चार बजे तक प्राचार्य के आने का इंतजार करते रहे लेकिन वह नहीं पहुंचे। सछास ने चेतावनी दी है कि 50 प्रतिशत सीटों पर जर्नल कोटा की काउंसलिंग के बाद आरक्षण कोटे की काउसलिंग नहीं हुई तो वह विरोध जारी रखेंगे। इस मौके पर हृदेश यादव, वैभव गंगवार, मुकेश, करण, जोगेन्द्र पटेल, अरुण यादव, मधुनेश, जय, पियूष कश्यप और अवनीश चौबे आदि मौजूद रहे।

आज एडमिशन का लास्ट मौका

एडमिशन समन्वयक आरिफ नदीम ने बताया कि जो स्टूडेंट्स एडमिशन नहीं ले सके हैं वह थर्सडे को एडमिशन प्रक्रिया पूरी कर लें। क्योंकि यूनिवर्सिटी ने थर्सडे को लास्ट डेट रखी थी। इसके बाद छूटे हुए स्टूडेंट्स को मौका मिलना मुश्किल होगा।