- एमडीए टीम के साथ नोंकझोक, महिलाओं ने धुना बिल्डर

-क्षेत्र में कई अन्य अवैध निर्माणों को किया जमींदोज

मेरठ: पहले बनवाए, अब जमींदोज करने पड़ रहे हैं। अभियान में शामिल एमडीए के मुलाजिमों की रविवार बड़ी अजीब मनोदशा था। करोड़ों रुपये की लागत से बने अवैध कॉम्प्लेक्स को ध्वस्त करने में प्राधिकरण का महाबली भी झिझक रहा था। फरमान आला अफसर का था सो, रविवार अलसुबह रोहटा रोड पर एमडीए के महाबली की दहाड़ से लोगों की आंख खुली। प्राधिकरण ने रोहटा रोड एवं अन्य स्थानों पर कई अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया।

प्राधिकरण से मूव हुई टीम

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत रविवार को दिन निकलने से पहले प्राधिकरण के अधिकारी और कर्मचारी एमडीए परिसर में एकत्र हुए। जोन सी के जोनल अधिकारी पीएस मिश्रा और जितेन्द्र यादव के नेतृत्व में प्राधिकरण की टीम सुबह पांच बजे रोहटा रोड पहुंची। यहां अवैध रूप से एक बहुमंजिला कॉम्लेक्स का निर्माण किया गया था। पूर्व में अवैध निर्माण की शिकायत पर प्राधिकरण अफसरों ने इस निर्माण को सील तो किया किंतु बिल्डर चोरी-छिपे फिर भी निर्माण करता रहा।

जमकर हुई नोंकझोंक

निर्माण के ध्वस्तीकरण आदेश के बाद रविवार को एमडीए की टीम ध्वस्तीकरण के लिए पहुंची तो निर्माणकर्ता ने टीम का विरोध शुरू कर दिया। वहीं बिल्डिंग में दुकान खरीदने वाले व्यापारियों ने भी प्राधिकरण अफसरों से अपनी दुकानों को कम्पाउंड कराने की मोहलत मांगी। प्राधिकरण अफसरों ने निर्माण को पूरी तरह से अवैध करार देते हुए मदद से हाथ खड़े कर दिए। देखते ही देखते प्राधिकरण के महाबली ने कॉम्प्लेक्स में बनाई गई 40 दुकानों को जमींदोज कर दिया।

महिलाओं ने बिल्डर को धुना

कॉम्प्लेक्स में दुकानें खरीदने वाले व्यापारियों के घरों की महिलाओं का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि कॉम्प्लेक्स में दुकानें खरीदने से पहले बिल्डर ने उन्हें कॉम्प्लेक्स का मानचित्र प्राधिकरण से स्वीकृत होने की बात कहकर गुमराह किया था। आक्रोशित महिलाओं ने पुलिस के सामने ही बिल्डर की पिटाई कर डाली। हंगामे के बाद बिल्डर मौके से भाग खड़ा हुआ। महिलाओं ने कार्रवाई के विरोध में भी जमकर हंगामा किया।

अवैध निर्माण ढहाए

टीम ने रोहटा रोड पर ही मूना विहार में अवैध रूप से बनाई गई आठ दुकानों का ध्वस्त किया और चार मकानों की नींव को तोड़ दिया। बिना मानचित्र पास कराए हो रहे 2 मकानों के निर्माण को टीम ने सील कर दिया। हालांकि यहीं पर सड़क के दूसरी ओर जोन बी में एक अन्य निर्माण को लेकर पब्लिक और प्राधिकरण अफसरों के बीच कहासुनी हो गई। पब्लिक का कहना था कि ये निर्माण भी अवैध है, इसके क्यों नहीं तोड़ा जा रहा है? ध्वस्तीकरण अभियान में नोडल अधिकारी रामपाल सिंह राठौर, जेई अंबरीश त्यागी और मनोज वशिष्ठ के अलावा प्रवर्तन की टीम मौजूद थी।

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अवैध निर्माण के खिलाफ प्राधिकरण ने रविवार सुबह कार्रवाई करते हुए एक अवैध कॉम्प्लेक्स समेत अवैध निर्माण ध्वस्त किए हैं। यह अभियान जारी रहेगा।

-योगेंद्र यादव

उपाध्यक्ष, मेरठ विकास प्राधिकरण