- हुसैनगंज से हजरत बेगम पार्क तक हटाये जाएंगे 188 पेड़

- काटने की बजाय पेड़ों को ट्रांसप्लांट करने की कोशिश

LUCKNOW: शहर को रफ्तार देने और जगमगाती तस्वीर बनाने की मुहिम में कहीं हरियाली साफ न हो जाए, इससे बचने के लिए मेट्रो ने पेड़ों को काटने की बजाय ट्रांसप्लांट करने का फैसला लिया था। मेट्रो के अंडरग्राउंड काम के चलते एक बार फिर हुसैनगंज से हजरत बेगम महल पार्क तक 188 पेड़ों को हटाने का फैसला लिया गया है। इन पेड़ों को भी दूसरी जगहों पर ट्रांसप्लांट किया जाएगा। इसके लिए मेट्रो ने हुसैनगंज से डीएम आवास तक सर्वे भी कर लिया है। रिपोर्ट मंडे को सौंपी जाएगी।

कुछ पेड़ों का ट्रांसप्लांट संभव नहीं

मेट्रो के तीन अंडर ग्राउंड स्टेशन विकासदीप, सचिवालय और हजरतगंज में बनने हैं। अंडर ग्राउंड काम के लिए कई प्वाइंट बनाए गए हैं। जहां से टनल बोरिंग का काम होना है। इसके लिए ही इन 188 पेड़ों को हटाया जाना है। जिन पेड़ों को चिन्हित किया गया है, उनमें कई ऐसे भी हैं, जिनका ट्रांसप्लांट नहीं किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में उनको काटा जाएगा। डीएम आवास में लगे अशोक के बड़े पेड़ों को भी काटा जा सकता है।

अब तक चार सौ पेड़ों की बचाई जान

यूपी में पहली बार पेड़ों को ट्रांसप्लांट करने का तरीका मेट्रो ने यूज किया है। इस विधि से अभी तक करीब चार सौ पेड़ों को बचाया जा चुका है। हुसैनगंज से डीएम आवास तक भी जिन पेड़ों को चिन्हित किया गया है उन पेड़ों को पहले आस-पास प्लांट किया जाएगा। अगर वहां जगह नहीं मिलती है तो उन्हें डिपो शिफ्ट किया जाएगा।

इन्हें किया जा सकता है शिफ्ट

अशोक के पेड़ की कुछ प्रजातियां ट्रांसप्लांट की जा सकती हैं। इसमें उम्रदराज पेड़ नहीं होने चाहिए। इसी तरह से पीपल के फाइक्श (बेजोमिना) प्रजाति को भी ट्रांस प्लांट किया जा सकता है। उनकी उम्र और मोटाई ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

इन पेड़ों का नहीं हो सकता ट्रांस प्लांट

1. नीम

2. आम

3. अशोक के बड़े पेड़

4- पीपल

5- यूकोलिप्टस

हुसैनगंज से हजरत महल पार्क में सबसे ज्यादा मिले पेड़

1. पीपल (बेजोमिना)

2. अशोक

3. चितवन