It's triangular series

एक तरफ तो निर्दलीय मेयर पद के कैंडीडेट को व्यापारी एसोसिएशन, डॉक्टर एसोसिएशन और विभिन्न संगठनों का समर्थन मिलने की खबरों ने विरोधियों की नींद उड़ा दी, वहीं रजनी शर्मा और पीस पार्टी के इरशाद अली के मैदान छोडऩे से कई दिग्गजों का चुनावी समीकरण गड़बड़ा गया। निकाय चुनाव में आए दिन हो रही फेरबदल में हवा का रुख फिलहाल साफ नहीं हो पा रहा है। शीर्ष पद के लिए चल रही उठापटक ने इस चुनाव को चटपटा बना दिया है। नामाकंन के बाद 19 कैंडीडेट्स में से चार के बीच बरेलियंस जोर आजमाइश की गुंजाइश मानकर चल रहे थे। बीजेपी के कैंडीडेट गुलशन आनंद, बसपा के मो। फरहत, निर्दलीय कैंडीडेट डॉ। आईएस तोमर और निर्दलीय कैंडीडेट रजनी शर्मा के बीच लड़ाई थी। दो कैंडीडेट्स के विड्रॉ करने और अन्य दो कैंडीडेट्स को समर्थन देने से अब माहौल ट्राइंगुलर सीरीज जैसा हो गया है।

अंदर की फूट न भारी पड़े

इस मुकाबले में किसका पलड़ा भारी होगा कहना मुश्किल है। बीजेपी कैंडीडेट गुलशन आनंद कई सालों से राजेन्द्र नगर सीट से सभासद पद का कब्जा जमाए हुए है। बरेली शहर में बीजेपी निकाय चुनावों में यूं भी हमेशा स्ट्रांग रही है। हालांकि इस सच्चाई से मुंह नहीं फेरा जा सकता कि आज तक कोई भी मेयर शहर विधानसभा सीट से नहीं बना है। हमेशा मेयर पद पर काबिज हुए कैंडीडेट कैंट सीट के रहे हैं। यही वजह है कि निकाय चुनाव में बीजेपी इस तथ्य को भी एजेंडे के तौर पर इस्तेमाल कर रही है। इसके लिए बाकायदा प्रचार करते समय यूज किया जा रहा है। गुलशन आंनद को बीजेपी के परंपरागत वोट बैंक का फायदा मिलेगा। साथ ही व्यापारी संघ भी गुलशन आनंद के पक्ष में ज्यादा नजर आ रहे हैं। मगर इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि पार्षदों को बांटे गए टिकटों पर बागी हुए कैंडीडेट्स का निर्दलीय नामाकंन करवाकर मैदान में उतरना बीजेपी के लिए अच्छा साइन नहीं है। यही कारण है कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत और महामंत्री राम लाल को खुद शहर में आकर इन कैंडीडेट्स से रायशुमारी करनी पड़ी।

अभी एक धड़ा पक्ष में आना बाकी

वर्ष 2000 में हुए निकाय चुनावों में डॉ। तोमर ने जीत दर्ज की। उन्होंने अपने कार्यकाल के अंतिम दो साल में जो विकास किया वह उनकी पूंजी बनकर इस निकाय चुनाव में उनके लिए खुला समर्थन हासिल करने में उनकी मदद कर रहा है। इसमें कोई संदेह नहीं है। रजनी शर्मा के डॉ। तोमर को समर्थन देने के बाद उनका खेमा और ज्यादा मजबूत हो गया है। हालांकि पहले डॉ। तोमर और रजनी शर्मा, दोनों ही सपा के बैनर तले चुनाव लडऩे की तैयारी में थे लेकिन सहमति न होने के चलते पार्टी ने किसी को भी अपना समर्थन नहीं दिया। इस पर दोनों ने निर्दलीय चुनाव लडऩे का फैसला किया। अब देखना है कि इन सभी सकीकरणों का कितना फायदा डॉ। तोमर के फेवर में जाता है. 

 

मुस्लिम वोट्स का सीधा फायदा

नामांकन के बाद से ही डॉ। फरहत को दौड़ में शामिल तो माना जा रहा था, मगर वह किस पायदान पर अपना कब्जा जमाते हैं इस पर जानकारों का संशय जरूर था। जैसे-जैसे पोलिंग डे करीब आ रहा है, डॉ। फरहत ने अपनी पकड़ और मजबूत कर दी है। बसपा ने भी खुलकर डॉ। फरहत का समर्थन करने की घोषणा कर दी है। शुरूआती दौर में निगाह डालें तो मुस्लिम कम्यूनिटी को रिप्रजेंट करते हुए सिर्फ 3 कैंडीडेट्स मैदान में थे। मगर मो। इरशाद के डॉ। फरहत को समर्थन देने के बाद 2 कैंडीडेट मैदान में बचे हैं। इनमें भी डॉ। फरहत पर रेजिडेंट्स ज्यादा भरोसा जता रहे हैं।

निकाय चुनाव में कब क्या हुआ

8 जून

-आईएमए ने डॉ। तोमर को समर्थन दिया।

10 जून

-बसपा और सपा ने पहले ही निकाय चुनावों से खुद को दूर रखने का निश्चय कर लिया था। कांग्रेस ने सिर्फ 57 वार्डों से कैंडीडेट उतारे तो बीजेपी ने 62 वार्डों पर पार्षद कैंडीडेट उतारे।

11 जून 

-कई उम्मीदवारों को टिकट न मिलने से नाराज पाषर्दों ने बीजेपी से बगावत कर दी। कई बागी कैंडीडेट्स निर्दलीय ही चुनावी मैदान में कूद गए।

-अनीस बेग का डॉ। तोमर को समर्थन।

12 जून

-आईएमसी के तौकीर रजा का रजनी शर्मा को व्यक्तिगत समर्थन।

14 जून 

-आईएमसी ने रजनी शर्मा को दिया समर्थन।

15 जून 

-सपा के जिला महासचिव प्रमोद बिष्ट का डॉ। तोमर को समर्थन।

17 जून

-सपा नेता भगवत सरन गंगवार का डॉ। तोमर को समर्थन।

-बसपा खुलकर डॉ। फरहत के लिए मैदान में।

24 जून

-पीस पार्टी के मेयर कैंडीडेट मो। इरशाद ने डॉ। फरहत के पक्ष में चुनाव नहीं लडऩे का एलान किया.   

 

नेता जी भी हैं confuse

कई पार्टियों ने निकाय चुनाव से दूरी बनाई लेकिन उनके चाहने के बावजूद ऐसा हो नहीं सका। कई पार्टियों ने इलेक्शन में कैंडीडेट खड़ा करने से किनारा कर लिया था। इसमें सत्ताधारी समाजवादी पार्टी भी शामिल है। फिर भी प्रत्याशियों ने पार्टियों के बैनर यूज किए।

बरेलियंस भी पसोपेश में

सपा इस इलेक्शन में दूर-दूर तक नहीं है लेकिन उनका बैनर धड़ल्ले से यूज हो रहा है। सीधा सा मतलब ये है कि बिना पैडल वाली साइकिल पर कई कैंडीडेट सवार हैं। ऐसा ही हाल मुख्य विपक्षी पार्टी बसपा का भी है। उसका हाथी भी इलेक्शन मैदान में नहीं है लेकिन महावत होने का दावा हर कैंडीडेट कर रहा है। ऐसे में बरेलियंस भी पसोपेश में हैं कि कौन असली समाजवादी है तो कौन असली बसपाई। नारों का दौर भी जोरों पर है। कैंडीडेट्स के बैनर और पोस्टरों पर इसका खासा प्रभाव देखने को मिल रहा है।

किसी को नहीं छोड़ा

कैंडीडेट को साइकिल चुनाव चिन्ह मिला नहीं तो बाइक  को अपना लिया। इसी बहाने रोड पर साइकिल के साथ दौड़ तो रहे हैं। वहीं ये कैंडीडेट्स जिस तरह के दावे कर रहे हैं, उससे न केवल बरेलियंस बल्कि नेता भी कंफ्यूज हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि किसका प्रचार करें। यह किसी एक वार्ड की समस्या नहीं है। मेयर और पार्षद की दौड़ में विजयश्री का तमगा हासिल करने के लिए किसी कैंडीडेट ने क्षेत्रीय नेता का फोटो चिपका रखा है, तो किसी ने राष्ट्रीय स्तर के नेता का। झंडा बुलंद करने के लिए कैंडीडेट्स ने सीएम अखिलेश यादव और सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती तक को नहीं छोड़ा।

Election के लिए पुलिस ready

इलेक्शन को लेकर पुलिस और प्रशासन रेडी है। सभी अरेंजमेंट्स को लेकर डीएम मनीष चौहान और एसएसपी संजीव गुप्ता ने मंडे को कलेक्ट्रेट में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें उन्होंने पुलिस और प्रशासन की सभी तैयारियों के बारे में बताया. 

बनाईं 150 mobile team

प्रेस कांफ्रेंस में एसएसपी संजीव गुप्ता ने बताया कि जिले में सेंसिटिव प्लेसेज को आइडेंटिफाइ करके 101 बैरियर लगाए गए हैं। 150 मोबाइल टीमें जोनल पुलिस और सेक्टर पुलिस की बनाई गई हैं। सुरक्षा के लिए स्पेशल क्यूआरटी टीम फॉर्म की गई है। वहीं चुनाव के दौरान चलाए गए स्पेशल अभियान में आईपीसी की धारा 107 और 116 के तहत 8,570 लोगों का पाबंद मुचलका किया गया है। शस्त्र अधिनियम के तहत 96 लोगों को पकड़ा गया और 2 फैक्ट्रियां पकड़ी गईं। वहीं 28 लोगों को जिला बदर किया गया और 35 लोगों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। इस दौरान पुलिस ने 2000 लीटर अवैध शराब पकड़ी, जिसमें से संडे रात को इज्जतनगर में 1000 लीटर अंगे्रजी शराब पकड़ी गई।

पुलिस को दें सूचना

चुनाव के दौरान अगर किसी को भी कहीं हिंसा के बारे में पता चलता है तो तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दें। एसएसपी के अनुसार, पब्लिक पुलिस कंट्रोल रूम नंबर 100, डिस्ट्रिक्ट कंट्रोल रूम के नंबर 2573850 और 9454407441 और सिटी कंट्रोल रूम नंबर 9454403107 पर सूचना दे सकते हैं। अगर इन नंबरों पर किन्हीं कारणों से संपर्क न हो सके और कोई कार्रवाई में ढिलाई लगे तो उनके मोबाइल नंबर 9454400260, एसपी सिटी के मोबाइल नंबर 9454401035 और एसपी रूरल के मोबाइल नंबर 9454401033 पर भी संपर्क कर सकते हैं।

लगेगा video camera

डीएम ने बताया कि 5 या 5 से ज्यादा मतदेय स्थल व केंद्रों पर स्थायी मजिस्ट्रेट, मास्टर ट्रेनर एवं वीडियो कैमरा लगाया जाएगा। 3 या 4 मतदेय स्थल वाले केंद्रों पर फोटोग्राफी की व्यवस्था की गई है। डीएम के मुताबिक, वोटरों की सुविधा के लिए बरेली नगर निगम में 70 वार्ड हैं। 14 नगर पंचायत, 362 वार्ड, 340 पोलिंग स्टेशन, 1002 पोलिंग बूथ हैं, जहां 10,46,255 वोटर अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इलेक्शन में 69 सेक्टर मजिस्ट्रेट और 30 जोनल मजिस्ट्रेट की ड्यूटी लगाई गई है।

Polling parties आज होंगी रवाना

पोलिंग सेंटरों के लिए पोलिंग पार्टियों की रवानगी ट्यूजडे सुबह से शुरू हो जाएगी। नगर निकाय चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने बरेली कॉलेज पहुंचे एडीएम सिटी राजेश कुमार राय ने ये जानकारी दी। उनके साथ एसपी सिटी शिव सागर सिंह भी मौजूद थे।

BCB में EVM

एडीएम सिटी और एसपी सिटी ने बरेली कॉलेज में ईवीएम के लिए बने स्ट्रांग रूम का जायजा लिया। इसके प्रभारी एसडीएम सदर रवींद्र सिंह ने बताया कि कॉलेज के हर कमरे में दो बूथों की ईवीएम को सुरक्षित रखा जा रहा है। नगर क्षेत्र में होने वाले चुनाव के लिए ईवीएम का वितरण ट्यूजडे सुबह बरेली कॉलेज से ही किया जाएगा।

7 बजे पहुंचने के आदेश

उन्होंने बताया कि निष्पक्ष एवं स्वतंत्र चुनाव हेतु सारी तैयारियों की अंतिम रूप दिया जा रहा है। एडीएम सिटी के मुताबिक पोलिंग पार्टियों की रवानगी के लिए सभी पार्टियों को ट्यूजडे सुबह में 7 बजे तक नगर चुनाव के लिए बरेली कॉलेज और तहसील स्तर के चुनाव के लिए संबंधित तहसील पर पहुंचने का आदेश जारी किया गया है।

 

डेरा जमाए रहे ARTO

मंडे को बरेली कॉलेज में वाहनों को जोनवाइज आवंटित किया गया। नगर निकाय चुनाव में डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने बड़ी संख्या में सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थानों के वाहनों को लगाया है। इनके माध्यम से ट्यूजडे को पोलिंग पार्टियां संबंधित पोलिंग स्टेशन पर रवाना होगीं। पोलिंग पार्टियों के लिए वाहनों की व्यवस्था के लिए सुबह से ही एआरटीओ एमएल सिंह बीसीबी में डेरा जमाए रहे।