LUCKNOW: लंबे इंतजार के बाद जब सपा की ओर से पार्षद पद के लिए टिकट की लिस्ट फाइनल हुई तो उम्मीदवारों के चेहरे पर खुशी बिखर गई और जब लिस्ट में अपना नाम देखा तो खुशी दोगुनी हो गई। इसके बाद उम्मीदवार नामांकन से पहले सिंबल लेने के लिए पार्टी कार्यालय पहुंच गए। यहां जाकर पता चला कि उनके नाम पर जारी टिकट किसी और के नाम पर ट्रांसफर कर दिया गया है। बस फिर क्या था, खुशी काफूर हो गई और चेहरे पर पार्टी के खिलाफ आक्रोश की भावना झलकने लगी। इतना ही नहीं, कई उम्मीदवारों ने साफ घोषणा कर दी है कि अब वे निर्दलीय उतरेंगे और करारा जवाब देंगे।

 

समझ नहीं आई रणनीति

लिस्ट से नाम गायब होने के मामले में उम्मीदवारों का कहना है कि उन्हें पार्टी की रणनीति समझ ही नहीं आ रही है। पहले तो टिकट फाइनल कर दिया जाता है और जब सिंबल लेने के लिए जाते हैं तो ऐन वक्त पर बताया जाता है कि सिंबल किसी और को दे दिया गया है।


वोट बैंक का नुकसान

जानकारों की माने तो दमदार उम्मीदवारों का टिकट कटने से पार्टियों को वोट बैंक में नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसकी वजह यह है कि जिन उम्मीदवारों का टिकट कटा है, वे या तो दूसरी पार्टियों के उम्मीदवारों को सपोर्ट करेंगे या फिर खुद ही मैदान में उतरकर पार्टी की छवि को धूमिल कर सकते हैं। जिससे पार्टी के उम्मीदवारों को नुकसान होने की संभावना है।