लोकल फॉल्ट का लोचा

-खराब फीडर से लोगों को बिजली की किल्लत से जूझना पड़ रहा है

- विभाग ऑयल और वैक्यूम इंट्रैक्टर दो तरह के फीडर करता है यूज

BAREILLY: लोकल फॉल्ट का सबसे बड़ा कारण फीडर का खराब होना है। फ‌र्स्ट, सेकेंड और थर्ड डिविजन के अंतर्गत सिटी में फीडर की संख्या 80 से भी अधिक है। इनमें आए दिन कोई न कोई खराबी बनी रहती है, मगर विभाग के ऑफिसर्स और कर्मचारी इसकी सुध नहीं ले रहे हैं। फीडर की खराबी से शहरवासियों को बिजली की किल्लत से जूझना पड़ रहा है।

आए दिन खराब होते हैं फीडर

बढ़ते ओवर लोड और ऑफिसर्स की लापरवाही से फीडर में आए दिन खराबी आ जाती है। फिलहाल शहर में दो तरह के फीडर हैं। इनमें से एक ऑयल और एक वैक्यूम इंट्रैक्टर लगा फीडर है। पिछले दिनों शहदाना सब स्टेशन के क्0 एमवीए के पॉवर ट्रांसफार्मर में लगा बुसिंग रॉड अचानक खराब हो गया था, जिससे कांकर टोला, माधोबाड़ी, बजरिया, रबड़ी टोला, गंगापुर, हजियापुर, माडल टाउन, मठ की चौकी सहित तमाम एरिया प्रभावित गया था। फीडर में आई खराबी दो दिन बाद भी ठीक नहीं की जा सकी थी।

नोएडा की कंपनी पर हैं निर्भर

सिटी के मैक्सिमम पॉवर ट्रांसफार्मर में क्क् केवी के बुसिंग रॉड नोएडा की एक कंपनी के लगे हुए हैं। पीएमई नाम की कंपनी के लगे बुसिंग रॉड विभाग के स्टॉक में नहीं हैं। ऐसे में कोई भी प्रॉब्लम्स आने पर बुसिंग रॉड नोएडा से मंगाने पड़ते हैं। कोई भी इमरजेंसी होने पर तत्काल बिजली सप्लाई की कोई व्यवस्था विभाग के पास नहीं है।

फीडर का काम

फीडर का मेन काम लाइन को फाइनल तौर पर कंज्यूमर्स तक पहुंचाना है। सबसे पहले लाइन पॉवर हाउस से ब्रेकर में फिर पॉवर ट्रांसफार्मर में बाती है। पॉवर ट्रांसफार्मर लाइन को क्क् हजार वोल्टेज में कंवर्ट फीडर में भेजती है। फीडर से होकर लाइन कंज्यूमर्स तक पहुंची है। फीडर में सबसे अधिक ऑयल और वैल्यूम इंट्रैक्टर खराब होने की संभावना रहती है। फीडर का ऑयल अगर म् महीने पर चेंज न किया जाए तो फीडर के जलने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।