-क्रमिक अनशन के बाद छात्रसंघ भवन पर हुई इलाहाबाद विश्वविद्यालय बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति की बैठक में प्रस्ताव पारित

ALLAHABAD: इलाहाबाद विश्वविद्यालय में हॉस्टल वाश आउट के मुद्दे पर हुई अराजकता के बाद गिरफ्तार हुए छात्रों की रिहाई की मांग को लेकर छात्रों का क्रमिक अनशन दूसरे दिन भी जारी रहा। लेकिन गिरफ्तार छात्रों की रिहाई को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन के रवैए से आक्रोशित छात्रों ने अब बड़े आंदोलन का रुख अख्तियार कर लिया है। क्रमिक अनशन के बाद मंगलवार की शाम को विश्वविद्यालय के छात्रसंघ भवन में विश्वविद्यालय बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों की बैठक में विश्विद्यालय में काम रोको और तालाबंदी करने के प्रस्ताव को पारित किया।

आज फिर बुलाई गई बैठक

अराजकता में गिरफ्तार किए गए छात्रों के प्रति विश्वविद्यालय प्रशासन के नकारात्मक रवैए का मुद्दा बैठक में छाया रहा। संघर्ष समिति ने काम रोको व तालाबंदी के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित कर दिया लेकिन विश्वविद्यालय में किस दिन से काम रोका जाए और परिसर में तालाबंदी की जाए इस पर निर्णय लेने के लिए बुधवार को फिर संघर्ष समिति की बैठक बुलाई गई है। बैठक में पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह व रोहित मिश्रा, पूर्व उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह व आदिल हमजा, अखिलेश गुप्ता गुड्डू, अजीत यादव, हरिनाम सिंह, सूर्य प्रकाश मिश्रा, सुनील मौर्या सहित छात्र संगठनों के कई पदाधिकारी मौजूद रहे।

मंत्री को बताई हकीकत

मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री डॉ। सत्यपाल सिंह मंगलवार को इलाहाबाद पहुंचे तो छात्रों के प्रतिनिधिमंडल ने उनसे सर्किट हाउस में मुलाकात की। पूर्व अध्यक्ष रोहित मिश्रा व ऋचा सिंह, पूर्व उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह के साथ पहुंचे छात्रों ने डॉ। सिंह से कुलपति प्रो। आरएल हांगलू के भ्रष्टाचार, तानाशाही और संवादहीनता की जानकारी दी तो शिक्षक भर्ती में कथित गड़बड़ी की शिकायत करके मंत्रालय से भर्ती प्रक्रिया रुकवाने की भी मांग की।

हॉस्टल के छात्रों ने बताई पीड़ा

हिन्दू हॉस्टल के छात्र भी एचआरडी मंत्री डॉ। सत्यपाल सिंह से सर्किट हाउस में मुलाकात करने पहुंचे। अधिवक्ता अमरेन्दु सिंह ने बताया कि ट्रस्ट का हॉस्टल होने की वजह से विवि प्रशासन द्वारा मूलभूत सुविधाएं नहीं दी जाती है। छात्रों ने डॉ। सिंह से सुविधाएं दिलाए जाने की मांग की। साथ ही हॉस्टल का भ्रमण करके हकीकत जानने का भी अनुरोध किया।