RANCHI : लोहरदगा जिले के सेन्हा थाना स्थित धरधरिया में हुए सीरियल बम ब्लास्ट मामले में पांच नक्सलियों को मंगलवार को अदालत ने सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। तीन मई 2011 को माओवादियों द्वारा किए गए इस हमले में 11 जवान शहीद हो गए थे, जबकि 58 जवान घायल हुए थे। शहीद होने वालों में सीआरपीएफ के छह और जिला पुलिस के पांच जवान थे।

ऐसे किया था हमला

3 मई 2011 को सेन्हा थाना एरिया के धरधरिया जलप्रपात के पास नक्सलियों के मौजूद होने की सूचना लोहरदगा पुलिस को मिली थी। इसके बाद जिला पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों की टीम बनाई गई। यह टीम नक्सली दस्ते को पकड़ने के लिए पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन के लिए गई थी। लेकिन नक्सलियों को पुलिस के आने की जानकारी मिल गई। इसके बाद नक्सलियों ने सीरियल बम ब्लास्ट की घटना को अंजाम दिया था। महज दो किमी के एरिया में 300 सीरीज लैंड माइन्स विस्फोट किए गए थे। इसके बाद नक्सलियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरु कर दी थी, जिसमें 11 जवान शहीद हो गए थे, जबकि कई घायल हुए थे।

महिला को किया बरी

धरधरिया जलप्रपात के पास हुए सीरीज बम ब्लास्ट को लेकर सेन्हा थाना में कांड संख्या 50/11, 229/11 के तहत मामला दर्ज किया गया था। इसमें 19 नक्सलियों को आरोपी बनाया गया था। लगभग पांच साल तक अदालती कार्यवाही के बाद पांच नक्सलियों को सश्रम उम्र कैद की सजा मिली है। इस मामले में रेहाना खातून नाम की एक महिला को अदालत ने बरी कर दिया है।

इन नक्सलियों को मिली सजा

गणेशपुर का रहने वाला सुधवा असुर, सुना खेरवार और विष्णु असुर , टुपुकला निवासी अक्षय खेरवार और बेलगढ़ा निवासी पूरन गंझू शामिल है। इन सभी को

148, 302, 149, आईपीसी एक्ट की धारा 17 के तहत दोषी करार दिया गया है। इसके अलावा विस्फोट पदार्थ अधिनियम की धारा 3 के तहत भी वे दोषी करार दिए गए हैं।

अक्टूबर 20011 में गिरफ्तार किए गए थे सभी

धरधरिया सीरीज बम ब्लास्ट मामले में छह नक्सलियों को 30 अक्टूबर, 2011 को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इनमें से पांच के विरूद्व अदालत में पुलिस चार्जशीट भी दायर कर दिया था। गिरफ्तार नक्सलियों में महिला नक्सली रेहाना खातून, सुना खेरवार, सुधवा असुर, विष्णु असुर को 18 मई 2011 को जेल भेज दिया था। जबकि दो जुलाई, 2011 को जोनल कमांडर पूरण गंझू को जेल भेजा गया था।