RANCHI : मंडे की शाम जब देश के 15वें प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने शपथ ली तो इस ऐतिहासिक मौके पर देश और दुनियाभर की निगाहें थीं। राष्ट्रपति भवन में आयोजित यह प्रोग्राम लोगों के लिए खास था, लेकिन झारखंड की बात करें तो यह इसके लिए भी कई मायने में ऐतिहासिक और यादगार रहा। झारखंड से 14 में से 12 सीटें बीजेपी को देने वाले इस राज्य से लोहरदगा के सांसद सुदर्शन भगत को केंद्रीय मंत्रिमंडल में राज्यमंत्री की शपथ दिलाई गई।

आईएएस बनाना चाहते थे माता-पिता

गुमला जिले के डुमरी ब्लॉक के टांगरडीह गांव के शिक्षक पिता स्वर्गीय कलसई भगत और मन्ना देवी के घर 20 अक्टूबर, 1969 को जन्मे सुदर्शन भगत सबसे बड़े बेटे हैं। भगत कई मामले में विलक्षण रहे हैं। बचपन से ही इनके समाज और देश के लिए कुछ करने का जुनून था। शिक्षक माता-पिता इन्हें आईएएस बनाना चाहते थे, लेकिन सुदर्शन भगत स्कूल और कॉलेज के दौरान आरएसएस के संपर्क में आ गए। गांव में स्कूल से प्राइमरी शिक्षा पूरी करने के बाद गुमला के कार्तिक उरांव कॉलेज से दर्शन शास्त्र में बीए ऑनर्स की पढ़ाई करते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सक्रिय कार्यकता बन गए। इसके बाद कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद भारती जनता पार्टी के लिए काम करने लगे।

2000 में पहली बार विधायक बने

2000 में झारखंड बनने से पहले संयुक्त बिहार में पहली बार विधायक बने। झारखंड जब अलग राज्य बना तो वे शिक्षा राज्य मंत्री बनाए गए। बाबूलाल मरांडी के बाद जब अर्जुन मुंडा मुख्यमंत्री बने तो मुख्यमंत्री सचिवालय का राज्यमंत्री बनाया गया। इसके बाद इन्हें झारखंड सरकार में कैबिनेट रैंक का कल्याण मंत्री बनाया गया।

2005 में हार गए थे चुनाव

झारखंड में 2005 के विधानसभा चुनाव में गुमला विधानसभा से झारखंड मुक्ति मोर्चा के भूषण तिर्की ने इन्हें हरा दिया था, लेकिन इसके बाद भी सुदर्शन भगत लोगों के बीच काम करते रहे। इसी दौरान पार्टी ने इन्हें संगठन में मौका दिया और झारखंड बीजेपी का प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया। इसके साथ ही यह प्रदेश के सदस्य प्रभारी बनाए गए।

2009 में पहली बार बने सांसद

सुदर्शन भगत को लोहरदगा संसदीय क्षेत्र से बीजेपी ने 2009 में कैंडीडेट बनाया, जहां पर इन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी डॉ। रामेश्वर उरांव को हराकर पहली बार सासंद बने। पार्लियामेंट में लोहरदगा संसदीय क्षेत्र और झारखंड से संबंधित मामले को उठाते रहे। इसी का नतीजा था कि 16वीं लोकसभा के चुनाव में भी पार्टी ने इन्हें दोबारा टिकट दिया और वे जीतने में कामयाब रहे।

गुमला से चौथे मंत्री

सुदर्शन भगत गुमला जिले से भारत सरकार में मंत्री बननेवाले चौथे व्यक्ति हैं। इससे पहले कांग्रेस सरकार में कार्तिक उरांव, कार्तिक उरांव की पत्नी सुमति उरांव, डॉ। रामेश्वर उरांव केन्द्र सरकार में मंत्री बन चुके हैं।

सभी वर्ग में लोकप्रिय हैं सुदर्शन भगत

सुदर्शन भगत झारखंड के सभी वर्ग के लोकप्रिय नेता हैं। वह राष्ट्रीय सेवक संघ की भी पहली पसंद रहे हैं। इसी का नतीजा है कि उन्हें केन्द्र सरकार में मंत्री बनाया गया है। झारखंड बीजेपी के प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा का कहना है कि सुदर्शन भगत ने जिस मेहनत और लगन से काम किया है, उसी का नतीजा है कि उन्हें नरेंद्र मोदी की सरकार में मंत्री बनने का मौका मिला। झारखंड के लिए यह सुखद बात है। झारखंड के विकास के लिए वह काम करेंगे।

सुदर्शन भगत का प्रोफाइल

नाम: सुदर्शन भगत

पिता: स्व। कलसाय भगत

माता: श्रीमती मन्ना देवी

पता: ग्राम- टांगरडीह, प्रखंड-डुमरी

जन्म तिथि: 20.10.1969

प्राथमिक शिक्षा: प्राथमिक विद्यालय, टांगरडीह

उच्च शिक्षा: उच्च वि। टांगरडीह, डुमरी

स्नातक: कार्तिक उरांव कॉलेज, गुमला

संघ से जुड़ाव: 1988 से गुमला के वाल्मीकि आश्रम में रहकर संघ के दायित्वों का निर्वहन।

पहली बार विधायक: 2000 में

पहली बार मंत्री: 2000 में झारखंड में बाबूलाल मरांडी सरकार में शिक्षा राज्य मंत्री

दूसरी बार मंत्री: 2003 में अर्जुन मुंडा सरकार में खेल व कल्याण मंत्री

पहली बार सांसद: 2009 में सांसद निर्वाचित

दूसरी बार सांसद: 2014 में सांसद निर्वाचित