-सैटरडे को लोक अदालत में 150 मामलों की हुई सुनवाई

27 मामलों में पति-पत्नी एक फिर एक साथ रहने को हुए राजी

>BAREILLY: बरेली लोक अदालत में सैटरडे को कई मामलों में रिश्तों की उलझी हुई डोर आपसी सहमति से सुलझा ली गई। लोक अदालत में इस दौरान 150 मामलों की सुनवाई हुई। जिसमें 85 मामले दोनों तरफ से वैवाहिक पक्षकारों के समझौते के आधार पर सुलझ गए। इसमें 27 मामलों में अलग हुए पति-पत्नी आपसी सहमति से फिर एक साथ रहने को रजामंद हो गए। वहीं 58 मामले से भरण पोषण की धनराशि देने पर तय समिति बन गई।

कोर्ट से जैनब ससुराल विदा

लोक अदालत में सीबीगंज के लटूरी गांव का एक मामला सामने आया। लटूरी गांव निवासी मुस्तकीन का निकाह 2009 में जैनब के साथ हुआ था। ससुराल वालों और पति से जैनब की अनबन हो गई। इसके चलते करीब दो वर्ष से जैनब अपने दो बच्चों के साथ मायके में रहने चली गई। सैटरडे को जब दोनों के मामले की कोर्ट में सुनवाई हुई तो दोनों पक्ष ने समझौता कर लिया। इसके बाद मुस्तकीम पत्नी जैनब को कोर्ट से अपने दोनों बच्चों के साथ लेकर घर गया।

पत्‍‌नी को मिला मासिक भरण-पोषण

वहीं, एक अन्य मामले में पत्नी को भरण-पोषण देने का कोर्ट ने फैसला किया। किला छावनी निवासी फूलवती के पति एक नगर पालिका में कर्मचारी हैं। पहले पति-पत्‍‌नी साथ में रहते थे, लेकिन चार साल से पति-पत्‍‌नी में पारिवारिक कलह को लेकर अनबन होने लगी, पति-पत्‍‌नी अलग-अलग रहने लगे। अपर जिला जज हरीश कुमार ने पति से फूलवती को 3000 रुपए हर माह देने का फैसला सुनाया।