- चुनाव परिणाम आने के बाद भी शहर में जोरदार असर

- कैंडीडेट की हार-जीत का लगाया जा रहा है गणित

- केंद्र सरकार का बनने वाला मंत्री मंडल भी है चर्चाओं में शुमार

- अभी भी जारी है चाय की चुस्की के साथ चुनाव मंथन

Meerut: क्म् वीं लोकसभा के इलेक्शन रिजल्ट आ चुका है। जीत का जश्न और हार का गम भी लोगों के दिलों में है। लेकिन अपने शहर का मिजाज अभी भी इलेक्शन की खुमारी में खोया हुआ है। परिणाम के बाद अब जीत का गणित और हार की जिम्मेदारी पर मंथन हो रहा है। पब्लिक आकलन में लगी है कि अब केंद्र में बनने वाली भाजपा की सरकार में किस नेता को कौन सा पद और किस विभाग की जिम्मेदारी मिलेगी। क्या वेस्ट यूपी का कोई नेता केंद्रीय मंत्री मंडल में अपने क्षेत्र की अगुवाई करेगा। शनिवार को शहर की सड़कों पर भी खुमारी का असर साफ दिखा। लोग चाय की चुस्की के साथ इलेक्शन को लेकर चर्चा करते हुए नजर आए।

हार जीत पर मंथन

शुक्रवार को हुई वोटों की बारिश के बाद अब अपने क्षेत्र के कैंडीडेट की हार-जीत पर जोरदार मंथन जारी है। शनिवार की सुबह से शाम तक लोगों की चर्चाओं में भाजपा की भारी जीत और बाकी दलों की हार मुख्य चर्चा का केंद्र रही। लोग अपने चुनाव क्षेत्र से लेकर वेस्ट यूपी में भगवा विजय पर मंथन करते दिखे। लोगों में भाजपा की बंपर विजय के गणित और विपक्षी दलों की हार के कारण भी चर्चाओं के मुख्य बिंदू में रहे। पब्लिक के अनुसार नमो का जादू और बदलाव की बयार इस बार अपना काम कर गई।

कौन करेगा अगुवाई

मतदान से पहले जहां लोगों की चर्चा कैंडीडेट और पार्टियों को लेकर थी, वहीं पोलिंग के बाद चर्चाओं ने हार-जीत और बहुमत का रूप धारण कर लिया। अब इलेक्शन का रिजल्ट सामने आ चुका है तो एक बार फिर चर्चाओं ने जोर पकड़ा है। पब्लिक के बीच में अब अपने क्षेत्र के विजेताओं को मिलने वाली जिम्मेदारी को लेकर जोरदार चर्चा है। बागपत से जीते पूर्व कमिश्नर सतपाल सिंह, मेरठ से राजेंद्र अग्रवाल और गाजियाबाद से पूर्व सेनाध्यक्ष वीके सिंह चर्चा को केंद्र है। पब्लिक को इन तीनों को केंद्र में बड़ी जिम्मेदारी मिलने की पूरी उम्मीद है।

क्या करेगी भाजपा

चाय की दुकानों पर शुमार पब्लिक की चर्चाओं में भाजपा की सरकार क्या और कैसे करेगी भी बड़ा मुद्दा है। लोग चाहते है कि मंहगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी की समस्या का समाधान प्राथमिकता से हो। जबकि कुछ की नजर में स्थानीय मुद्दे मायने रखते हैं। उनके लिए मेरठ की चकाचक रोड, बिजली सप्लाई में सुधार, पेयजलापूर्ति बेहतर हो, मेरठ में जल्दी एयरपोर्ट बने और दिल्ली-मेरठ के बीच स्पीड ट्रेनों का संचालन शुरू हो।