साढ़े तीन घंटे हुई चर्चा

लोकसभा में करीब साढ़े तीन घंटे हुई चर्चा के बाद सदन ने पीएफआरडीए विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया. हालांकि वामपंथी दलों और बीजद सदस्यों द्वारा कुछ संशोधनों का प्रस्ताव किया गया, लेकिन सदन ने इन्हें नकार दिया. वित्त मंत्री ने चर्चा के जवाब में कहा कि देश में अब तक नई पेंशन व्यवस्था के तहत 26 राज्य जुड़ चुके हैं. इससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को पेंशन लाभ देने में मदद मिलेगी.

पास कराने में खास मुश्किल नहीं

बुधवार को वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने बिल को सदन के पटल पर रखा. सरकार को इस बिल को पास कराने में खास मुश्किल नहीं हुई. भाजपा पहले ही पेंशन बिल का समर्थन कर चुकी थी. पार्टी ने पेंशन बिल में कुछ संशोधन सुझाए थे, जिन्हें सरकार ने मान लिया था. वित्त मंत्री ने कहा भी कि सरकार ने वित्त पर संसद की स्थायी समिति की तकरीबन सभी सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है. इन सिफारिशों को विधेयक में संशोधन के तौर पर सरकार ने शामिल किया. सरकार का कहना है कि नई पेंशन व्यवस्था ‘कमाई के साथ बचत भी’ के सिद्धांत पर आधारित है.

26 परसेंट प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का प्रावधान

विधेयक में 26 फीसद प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का प्रावधान भी है. साथ ही पेंशन फंड मैनेजरों में कम से कम एक प्रबंधक सार्वजनिक उपक्रम का होना भी अनिवार्य रखा गया है. पहली जनवरी 2004 के बाद केंद्रीय सेवा में शामिल हुए सभी लोगों के लिए एनपीएस अनिवार्य है. देश भर में अभी 52.83 लाख उपभोक्ता पंजीकृत हैं और इसका कोष लगभग 35,000 करोड़ रुपये का है. विधेयक पारित होने के बाद पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथारिटी को वैधानिक दर्जा मिल जाएगा. वित्त मंत्री ने कहा कि यह विधेयक निवेशकों को अपने फंड के निवेश के लिए अधिक विकल्प उपलब्ध कराएगा.

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