एनसीजेडसीसी में सजी लोकगीतों व लोकनृत्य की शाम

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PRAYAGRAJ: एनसीजेडसीसी में शनिवार को दुर्लभ लोकगीतों की प्रस्तुति हुई. बच्चों ने लोकगीत के साथ ही लोकनृत्यों की भावपूर्ण प्रस्तुति देकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया.

सोहर से लेकर जनेउ गीत तक सुनाया

तीन सप्ताह की कार्यशाला के बाद बच्चों ने नेशनल लेवल की फोक आर्टिस्ट डॉ. सोनम सेठ के निर्देशन में प्रस्तुति दी. बताया कि लोकगीत हमारे जीवन के संस्कार हैं. बच्चों ने देवी गीत 'चूड़ी चुनरिया चढ़ाउ अंबे रानी.., गंगा गीत 'अब न अइबो ए गंगा जी अब न अइबो न..', सोहर गीत 'पनवा अइसन धनी पातर कुसुम अइसन सुंदर हो..,' और बधाई गीत 'अवध मा बाजे सखी आज बधइया..' सुनाया तो लोग गीतों के भाव में खो गए. विवाह गीत 'शादी शादी बन्नी तुम्हे शादी मुबारक हो..' की भी प्रस्तुति दी. चीफ गेस्ट डॉ. श्लेष गौतम ने कहा कि लोककला में जीवन व भारतीय संस्कृति का सार समाहित है. विशिष्ट अतिथि सीआर यादव ने कहा कि लोककला को जन-जन तक पहुंचाने की जरूरत है. कृष्ण कुमार मौर्य, श्रद्धा देशपांडे, शिवानी कश्यप मौजूद रहे.