क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ: बीमारी का बहाना बनाकर चुनावी ड्यूटी से कन्नी काटने का मंसूबा पाले सरकारी बाबुओं की पोल मेडिकल बोर्ड ने खोलकर रख दी है. बीमारी के नाम पर चुनाव से अपनी ड्यूटी कटवाने का आवेदन जिला प्रशासन को देने वाले ऐसे 106 सरकारी कर्मचारियों में से 63 को मेडिकल बोर्ड की टीम ने जांच में स्वस्थ पाया है, सिर्फ 43 की बीमारी को ही गंभीर मानते हुए उन्हें चुनावी ड्यूटी से दूर रखने की सिफारिश की है. ऐसे में अंतिम दिन तक ड्यूटी कटवाने में जुटे झूठे कर्मचारियों से जिला प्रशासन सख्ती बरतने की तैयारी में है.

दुर्गम बूथ पर स्मार्ट व फिट स्टाफ

रांची जिले के अड़की प्रखंड में करीब 76 बूथ हैं. इनमें कई ऐसे बूथ हैं जहां पर चुनाव कराने के लिए लोगों को दो दिन पहले ही निकलना होगा. इनमें कई ऐसे दुर्गम पहाड़ी इलाकों में है जहां पोलिंग कराने के लिए पोलिंग पार्टियों को दो दिन पहले ही निकलना होगा. इसके साथ ही कई ऐसे बूथ भी हैं जहां पोलिंग पार्टियों को कई किलोमीटर तक पैदल जाकर बूथ पर पहुंचना होगा. ऐसे में फि ट पोलिंग पार्टी को दुर्गम पोलिंग बूथों के लिए रवाना किया जाएगा, ताकि पोलिंग पार्टी समय पर बूथ पर पहुंच कर इंतजाम कर सके. 10 से 15 किमी पैदल सफ र करना होगा. ऐसे में जिला प्रशासन इन बूथों के लिए स्मार्ट और फिट कर्मचारियों को चुना है.

गर्भवती व दिव्यांग चुनाव ड्यूटी से मुक्त

चुनाव ड्यूटी में कई गर्भवती और दिव्यांग का भी नाम शामिल था. ऐसे कर्मचारियों ने आवेदन देकर चुनाव कार्य से मुक्त करने की मांग की थी. मेडिकल बोर्ड के समक्ष ऐसे भी आवेदक प्रस्तुत हुए, जिनकी जांच के बाद बोर्ड ने गर्भवती और मातृत्व अवकाश में गई महिलाएं, दिल की गंभीर बीमारी से ग्रस्त कर्मचारी को चुनाव कार्य से मुक्त रखने की सलाह दी है. दिव्यांग और दृष्टिबाधित कर्मचारियों को भी चुनाव कार्य से मुक्त रखा गया है.

वर्जन

जिला प्रशासन की ओर से कर्मचारियों का मेडिकल फिटनेस टेस्ट कराने का आवेदन आया था, जिसे डॉक्टरों की टीम ने पूरा कर दिया. आधे से अधिक लोग फि ट हैं, वो चुनाव कार्य में ड्यूटी कर सकते हैं.

-डॉ बीबी प्रसाद, सिविल सर्जन रांची