क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ: झारखंड मुक्ति मोर्चा संताल परगना में अपना किला बचाने को हर हथियार आजमाएगा. इसकी वजह भी है. भाजपा ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के शीर्ष नेतृत्व पर हल्ला बोल दिया है. खासकर मोर्चा सुप्रीमो शिबू सोरेन और कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन निशाने पर हैं. संताल परगना में खुद मुख्यमंत्री रघुवर दास सबसे ज्यादा ध्यान दे रहे हैं. अंतिम चरण में यहां की तीनों सीटों पर ही मुख्य दलों का फोकस है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भाजपा के अन्य कद्दावर नेता यहां दो-दो हाथ करने आएंगे.

महागठबंधन के दलों का भी साथ

प्रतिद्वंद्वी दलों की किलेबंदी को देखते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी मुकम्मल तैयारी की है. शिबू सोरेन स्वयं दुमका से चुनाव मैदान में हैं. वे दुमका में कैंप कर संताल परगना की तीनों सीटों पर लगातार चुनाव प्रचार करेंगे. मोर्चा ने इसी मुताबिक योजना बनाई है. कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन लगातार संताल परगना के इलाकों में पहले से ही कैंप कर रहे हैं. शिबू सोरेन की इस इलाके में सक्रिय मौजूदगी जहां मोर्चा के कैडरों का मनोबल बढ़ाएगी, वहीं वे अपने ऊपर लगाए जा रहे आरोपों का भी जवाब देंगे. झामुमो को इसमें विपक्षी महागठबंधन के अन्य घटक दलों का भी साथ मिलेगा.

कौन बूढ़ा कौन जवान, तय हो जाएगा

मुख्यमंत्री रघुवर दास लगातार अपनी चुनावी सभाओं में झामुमो को बूढ़ों की पार्टी करार दे रहे हैं. उनका इशारा झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन की बढ़ती उम्र की तरफ है. इसे लेकर झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि चुनाव में पता चल जाएगा कि कौन बूढ़ा है और कौन जवान? उन्होंने रघुवर दास समेत मंत्री सीपी सिंह, सरयू राय समेत अन्य उम्रदराज नेताओं का फोटो लगाते हुए उसके मुकाबले अपने दल के युवा नेताओं कुणाल षाडंगी, अमित महतो, विजय हांसदा, नियेल पूर्ति समेत अपना फोटो एक साथ लगाया है. चुटकी ली है कि जनता को रडार नहीं चाहिए समझने के लिए कि बूढ़ा कौन है और कौन जवान है? वे कहते हैं-मुख्यमंत्री रघुवर दास अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं. इनकी बातों से ये खुद हंसी का पात्र बनते हैं. जल्द ही ये दया के पात्र बन जाएंगे. भाजपा को ध्यान रखना चाहिए कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन को झारखंड के लोग असीम स्नेह और सम्मान देते हैं.