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PATNA : एटीएस द्वारा गिरफ्तार आतंकी लगातार पूछताछ में राज उगल रहे हैं. पुलिस सूत्रों की मानें, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी सभा की जानकारी ये आतंकी जुटा रहे थे. इनके निशाने पर गया और जमुई में आयोजित होने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली थी. पुलिस उनसे लगातार इस मामले में पूछताछ कर रही है. बांग्लादेश के आतंकी संगठन जमीयत-उल-मुजाहिदीन और इस्लामिक स्टेट बांग्लादेश के सक्रिय सदस्य अबु सुल्तान और खैरू मंडल से पूछताछ में खुफिया एजेंसियों को यह जानकारी हाथ लगी है. इन आरोपियों को एक दिन पहले एटीएस ने गुप्त सूचना पर सोमवार को स्टेशन के पास स्थित मुसाफिर खाने से दबोचा था.

आका ने रेकी के लिए भेजा था

पुलिस सूत्रों का कहना है कि बांग्लादेश में बैठे आतंकियों के आका ने उन्हें रेकी के लिए भारत भेजा था. चुनावी सभा में ¨हसक घटनाओं को अंजाम देकर यहां के सामाजिक और धार्मिक माहौल को बिगाड़ने की साजिश थी. साथ ही धार्मिक स्थलों को निशाना बनाकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान अपनी ओर खींचने का इरादा था. इन लोगों ने इसकी पूरी प्लानिंग कर रखी थी. लेकिन, उससे पहले ही एटीएस की टीम ने भंडफोड़ कर दिया.

 

गया में काफी दिन ठहरे थे आरोपी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गया और जमुई में 2 अप्रैल को रैली आयोजित होने वाली है. ये आतंकी इस प्रयास में थे कि किसी तरह से पीएम की रैली को टारगेट कर लें. पुलिस आरोपियों से अब यह पड़ताल कर रही है कि उनके पास पीएम की रैली को लेकर कितनी जानकारी है. इसके साथ ही पुलिस यह भी खंगालने में जुटी है कि अगर उनके पास ये जानकारी है तो कहां से मिली.

 

इशारे को डिकोड करने में जुटी पुलिस

गिरफ्तार आतंकियों को सोमवार को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया. पेशी के बाद जब पुलिस उन्हें वापस लेकर लौट रही थी, इस दौरान आतंकी अबु सुल्तान ने मीडिया के सामने उंगली दिखाई. उसकी यह हरकत देख वहां मौजूद सुरक्षाकर्मी भी सकते में आ गए. उसके द्वारा ऐसा करना सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक पहेली बन गई है. विदित हो कि 2013 में आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन के सह संस्थापक व आतंकवादी यासीन भटकल को मोतिहारी से गिरफ्तार किया गया था. उसने मीडिया को देखते ही अंगुली उठाई थी, लेकिन किसी ने उस वक्त उसके उस इशारे को समझा नहीं था. इसके बाद ही पीएम मोदी की पटना के गांधी मैदान में हुई हुंकार रैली से पहले बम ब्लास्ट हुआ था.