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VARANASI : लोकतंत्र का पर्व शुरू हो चुका है. हर तरफ नई सरकार को लेकर चर्चा का दौर चल रहा है, जिसमें यंगस्टर्स की मौजूदगी चर्चा को खास बना रही है. इसमें भी खासकर 18 से 38 साल के मिलेनियल्स वोटर्स की बात और सोच सुनकर हर कोई हैरान है. इनकी बातें सुनकर लगता है कि चुनाव में जात-पात पर नहीं, बल्कि विकास, रोजगार और भ्रष्टाचार मुक्त भारत के मुद्दे पर यंगस्टर्स वोट करेंगे. यह मिलेनियल्स आरक्षण विरोधी हैं. होना भी लाजिमी है, क्योंकि आरक्षण व्यवस्था से सद्भाव पर असर पड़ रहा है. खासकर महिला मिलेनियल्स वोटर अब कही सुनी बातों पर वोट नहीं करेंगी. वह अपने अधिकारों के प्रति काफी सजग हैं. उन्हें अपनी पसंद की सरकार ही चाहिए. इन मिलेनियल्स के सवाल और मुद्दे पर चर्चा के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने मिलेनियल्स स्पीक के रूप में मंच दिया. सेंट्रल जेल रोड स्थित रेनबो पब्लिक स्कूल में सोमवार को राजनी- टी पर मिलेनियल्स ने अगली सरकार से उम्मीद को लेकर चर्चा की.

सबसे ज्यादा फोकस शिक्षा

रेडियो सिटी के आरजे समीर के संचालन में आने वाली सरकार से आम और खास पब्लिक की उम्मीद को लेकर चर्चा शुरू हुई. इस चर्चा में सबसे ज्यादा फोकस शिक्षा, चिकित्सा और महिला सुरक्षा पर रहा. जहां टीचर्स ने शिक्षा के स्तर को और बेहतर करने और इसमें सुधार लाने की वकालत की, तो वहीं पैरेंट्स ने कहा कि अच्छी शिक्षा पर आम पब्लिक का भी हक है. उन्होंने फीस कम करने के साथ रिजर्वेशन खत्म करने की बात कही. इतना ही नहीं क्वालिटी एजुकेशन पर सभी एक राय थे. सभी ने इस बात पर भी सहमति जताई कि बेरोजगारी यहां की सबसे बड़ी समस्या है, इसको दूर करने के लिए जो भी सरकार काम करेगी, उसको ही मिलेनियल्स का वोट मिलेगा.

 

जनसंख्या नियंत्रण की भी हो बात

यंगस्टर्स ने कहा कि बेरोजगारी के लिए जनसंख्या वृद्धि पर कंट्रोल की जरूरत है. हम दो हमारे दो के बजाए हमारा एक का कॉन्सेप्ट अपनाया जाए. शिक्षा का व्यवसायीकरण बंद हो. बेरोजगारी की समस्या देश के विकास में बाधा है. महिलाओं की सुरक्षा के साथ ही महिलाओं के रोजगार की बात करें, कॉम्प्टीटिव एग्जाम से आरक्षण हटा दिया जाए. महंगाई कम हो. लड़के और लड़की में समानता की बात की जाए, क्योंकि अभी यह किताबी बात है और कोई इसे सीरियस नहीं लेता है. नोटबंदी या ऐसा कोई कदम न उठाएं, जिससे लोगों को मुसीबत हो.


कड़क मुद्दा

चर्चा में वूमन यंगस्टर्स की संख्या ज्यादा रही तो महिला सुरक्षा का मुद्दा सबसे कड़क रहा. इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने कहा कि वूमन सेफ्टी को लेकर तमाम कवायद हो रही हैं. 1090, 100 जैसे नंबर भी दिए जा रहे हैं, लेकिन महिला पहले भी सुरक्षित नहीं थी और अब भी सेफ नहीं हैं. मेल यंगस्टर्स ने कहा कि पहले हमें अपनी सोच में बदलाव करने की जरूरत है. अपनी बहन की सुरक्षा और दूसरे के साथ छेड़छाड़ गलत है. उन्होंने कहा कि जो सरकार वुमेन सिक्योरिटी के साथ ही उच्च शिक्षा की व्यवस्था में सुधार और उन्हें इस काबिल बनाए कि वह विपरीत परिस्थिति में अपना काम कर सकें, उन्हें ही चुना जाएगा.


सतमोला खाओ, कुछ भी पचाओ

आम लोगों के लिए शिक्षा महंगी है और इस सिस्टम में भ्रष्टाचार ज्यादा है. वैकेंसी आती नहीं कि जॉब दिलाने वाले दलाल पहले से एक्टिव हो जाते हैं. यह बगैर शासन और प्रशासन के अंदर मौजूद व्यक्ति के बिना संभव नहीं है. इसलिए सरकार ऐसी चुनी जाए जो भ्रष्टाचारियों पर नकेल कस सके. सरकार वही अच्छी है जो मान्यता देने से पहले सही मायने में रिसर्च करें, कि वहां टीचर्स और दूसरी व्यवस्था है कि नहीं, अगर स्कूल सही है, तभी उसे मान्यता दी जाए.

 

मेरी बात

महिला सशक्तिकरण का नारा दिया जाता है. रोजगारपरक शिक्षा भी दी जा रही है. लेकिन जब कॉम्प्टीटिव एग्जाम होते हैं, तो उनका रिजल्ट आते-आते इतनी देर हो जाती है कि इससे एज लिमिट कॉस हो जाती है. हम ऐसी सरकार चुनेंगे, जो समय पर एग्जाम और रिजल्ट निकालने की बात करे और युवाओं को रोजगार के ज्यादा से ज्यादा अवसर भी दे.

सीमा यादव

 

भर्ती कमेटी में जो भ्रष्ट लोग आते हैं, वह लोग सब कुछ खराब करते हैं. एक वैकेंसी पूरा होने में पांच साल, दस साल लग जाते हैं. करप्ट लोग पकड़े भी जाते हैं, लेकिन उन पर कोई एक्शन नहीं होता है.

अजय उपाध्याय

 

जितनी भी वैकेंसी निकल रही है, उसका एग्जाम हो रहा है, लेकिन रिजल्ट नहीं आ रहा है. वैकेंसी आती नहीं कि जॉब दिलाने वाले ठेकेदार पहले से एक्टिव हो जाते हैं. इस तरह के भ्रष्टाचारियों पर नकेल कस सके, हम ऐसी सरकार चुनेंगे.

रेनू यादव

 

महिला की सुरक्षा के लिए जो भी कानून बने हैं, उसका अनुपालन कराने में सख्ती बरतने की जरूरत है. यह सिर्फ चुनावी मुद्दा न रहे, बल्कि इस पर अमल भी किया जाए.

रेखा साहनी

 

युवाओं को रोजागार मिले, शिक्षा से डोनेशन की व्यवस्था खत्म होनी चाहिए. प्राइवेट स्कूलों की फीस पर प्रशासन की निगरानी होनी जरूरी है. ऐसी सरकार होनी चाहिए. इससे लोगों को फायदा भी मिले.

पवन सिंह

 

राष्ट्रीय सुरक्षा और भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस, इस तरह के मुद्दों को इग्नोर करने वाली सरकार न हो. हर आम आदमी खुद को सिक्योर करने के लिए ही अपनी सरकार चुनता है.

सुशीला यादव

 

शिक्षा के स्तर में सुधार हो. विकास के मुद्दे को ध्यान में रख युवा वर्ग के लिए रोजगार, युवाओं को बाहर न जाना पड़े, अच्छा पैकेज यही व्यवस्था हो, ऐसी सरकार चुनेंगे.

-आकाश

 

महिलाओं को सशक्त करना है तो इसके लिए सही सरकार का चुनाव करना होगा. इसके लिए पहले जरूरी है कि वोट डाला जाए. इसलिए सभी महिलाओं से अपील है कि वह सुबह उठने के बाद पहले वोट डालने जरूर जाएं और इसके बाद ही किचन में जाएं.

सोनम श्रीवास्तव