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PATNA: राजद और पीके में जारी ट्विटर वार से एक बार फिर सूबे में राजनीतिक पारा चढ़ गया है. राजद के आधिकारिक ट्विटर पर प्रशांत किशोर के लिए टिप्पणी की गई है कि पांडेयजी तुम्हारी जितनी उम्र है, उससे ज्यादा अध्यक्षजी को राजनीतिक अनुभव है. तो पीके ने ट्वीट किया है कि जो सजा भुगत रहे हैं, सच के ठेकेदार बने हुए हैं. दरअसल इस चुनावी सीन से अबसेंट चल रहे जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पीके ने शनिवार को एक्स सीएम राबड़ी देवी को बहस की चुनौती दी है. जिसमें एक्स सीएम राबड़ी देवी का वह दावा केंद्र में है, जिसमें कहा गया है कि नीतीश कुमार की ओर से प्रस्ताव लेकर पहुंचे पीके को उन्होंने भगा दिया था. जबकि पीके ने ट्वीट किया कि मीडिया के सामने बहस के लिए तैयार हैं.

क्या संदेश लेकर गए थे पीके

ताजा विवाद की शुरुआत लालू प्रसाद की किताब गोपालगंज टू रायसीना से हुई है. इसमें दावा किया गया है कि राजद से अलग होने के बाद पीके दोस्ती का प्रस्ताव लेकर आए थे. वह विवाद थम गया था. शुक्रवार को राबड़ी देवी ने कहा कि पीके जदयू और राजद के विलय का प्रस्ताव लेकर आए थे. संदेश था राजद अध्यक्ष घोषणा कर दें कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री पद के लिए प्रस्तावित किए जाएंगे.

बस इतनी है आपकी पहचान

कुछ दिन पहले सीएम नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद के बारे में कहा था कि वह जेल से भी टेलीफोन से बातचीत करते हैं. इसके बाद तेजस्वी ने कहा कि एनडीए में जाने के 6 महीने बाद ही नीतीश कुमार महागठबंधन में लौटना चाहते थे. पीके ने जवाब दिया आज भी आपकी पहचान बस इतनी है कि लालू के लड़के हैं.

राजद की ओर से जारी ट्वीट

पांडेय जी, तुम्हारी जितनी उम्र है, उससे ज्यादा राष्ट्रीय अध्यक्षजी को राजनीतिक अनुभव है. तुम्हारे जैसे पता नहीं, कितने बाजारू लोग और छुईमुई नेता आए-गए एवं बनाए बिगाड़े हैं. तुम्हारी फ्रॉडगीरी यहां नहीं चलेगी. अपने आपको नीतीश-मोदी के सामने बेचो. पोल खोल दी तो कहीं के नहीं रहोगे.

पीके की ओर से जारी ट्वीट

'जी, जब चाहें, मेरे साथ मीडिया के सामने बैठ जाएं. सबको पता चल जाएगा कि मेरे और उनके बीच क्या बातचीत हुई और किसने किसको क्या ऑफर किया.' उन्होंने लालू प्रसाद के लिए ट्वीट किया ऐसे लोग जो जनता के धन के दुरुपयोग के आरोप में सजा भुगत रहे हैं, सच के ठेकेदार बने हुए हैं.