- कई बैंकों तक नहीं पहुंची करेंसी, एटीएम पर लंबी कतारें, कई स्थानों पर झड़प

- चौक में बैंक आफ बड़ौदा के कर्मचारियों को बनाया गया बंधक

- चार बजे बैंक बंद होने से लोगों का फूटा गुस्सा

LUCKNOW :सोमवार छुट्टी के बाद जब बैंक खुले तो हर बैंक और एटीएम के बाहर वहीं नजारा आम था। लंबी लाइनों में खड़े लोग। नोट बंदी के बाद माना जा रहा था कि हफ्ते भर के बाद इस समस्या पर काफी हद तक काबू पा लिया जायेगा, लेकिन यह हो ना सका। जैसे-जैसे समय बीतता जा रहा है लोगों के सब्र का बांध टूटता दिख रहा है। बैंकों की दिक्कत यह थी कि उसके पास सौ की करेंसी भी काफी कम थी और पांच सौ के नोट राजधानी नहीं पहुंचे थे। लंबी लाइन में लगे लोगाें में पहली बार थोड़ा गुस्सा देखने को मिला। चौक स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा की ब्रांच में बैंक कर्मियों को लोगों ने बंधक बना लिया। वहीं एसबीआई की मेन ब्रांच में डीजीएम के साथ लोगों की झड़प हुई।

करेंसी की हो रहशॉर्टेज

बैंकों में सुबह से भारी भीड़ थी। लोगों को इंतजार 500 की नयी करेंसी का था, लेकिन लखनऊ में कम ही लोगों के हाथ यह करेंसी लग सकी। बताया जा रहा है कि कुछ प्रावइेट बैंकों में पांच सौ रुपये की नयी करेंसी दी गयी है। वहीं शाम तक खबर मिली की लखनऊ में 100 की करेंसी की शॉर्टेज हो गयी है। हालांकि बैंकिंग का काम शाम चार बजे के बाद बंद कर दिया गया था। नोट पहुंचाने के लिए आरबीआई ने स्पेशल व्यवस्था की है।

दावे फेल, एटीएम ने फिर रुलाया

पिछले एक हफ्ते की तरह मंगलवार को भी बैंकों के साथ एटीएम के सामने भी लंबी कतारें देखने का मिली। वहीं अधिकतर एटीएम में पैसे नहीं होने या खत्म होने की वजह से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सबसे अधिक भीड़ चौक क्षेत्र में देखने को मिली। यहां एक लाइन से कई बैंक हैं।

काम धंधा चौपट, बढ़ रही बेरोजगारी

नोट बंदी के फैसले का असर अब धीरे-धीरे उद्योग धंधों पर दिखने लगा है। बाजारों सन्नाटा पसरा है तो लोग सिर्फ जरूरी सामानों के लिए ही बाजारों का रुख कर रहे हैं। ना तो गर्म कपड़े की बिक्री बढ़ रही है और ना ही दूसरे सामानों की। सबसे ज्यादा असर इलेक्ट्रॉनिक सामान के बिजनेस पर पड़ा है। कम्प्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल की बिक्री बिल्कुल ठप हो चुकी है।

ई-वैलेट का प्रचलन बढ़ा

ऑनलाइन पेमेंट की एक मानी जानी कंपनी ने लखनऊ में कई दुकानों पर गेटवे पेमेंट के लिए बार कोड उपलब्ध कराये हैं। जिससे कस्टमर को पेमेंट करने में आसानी हो। कस्टमर भी इसका खूब इस्तेमाल कर रहे हैं। इस गेटवे के थ्रू पैसा सीधे दुकानदारों के खाते में पहुंच रहा है। ग्राहकों को भी इससे सहूलियत हो रही है। पिछले तीन से चार दिन में लखनऊ में हजारों की संख्या में ई-वैलेट एप्प लोगों ने अपने मोबाइल पर इंस्टाल किए हैं।

डीएम का आदेश भी दरकिनार

जिला प्रशासन के आदेश पर सीनियर सिटीजन के लिए अलग से काउंटर खोले जाने को लेकर बैंकों ने हाथ खड़े कर दिये हैं। बैंकों में बने काउंटर से आम लोगों को पूरी सुविधा नहीं मिल पा रही है, भीड़ अधिक है ऐसे में दिव्यांगों और सीनियर सिटीजन के लिए बैंकों में कोई व्यवस्था नहीं की गयी है। एसबीआई की मेन ब्रांच में कहने के लिए सीनियर सिटीजन और महिलाओं के लिए अलग-अलग काउंटर खोले गये हैं, लेकिन यहां एक ही काउंटर से दोनों को डील किया जा रहा है। वहीं कैश निकालने वाले बुजुर्गाें को एक लाख रुपये तक निकालने की शर्त रखी जा रही है।

अर्ध सैनिक बल भीर रहे मदद

बैंकों की सुरक्षा के लिए अर्ध सैनिक बलों की भी मदद ली जा रही है। हजरतगंज के अधिकतर बैंकों में अर्ध सैनिक बलों के जवानों को तैनात किया गया है। केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया था, कि आवश्यकता पड़ने पर वह इन सुरक्षा कर्मियों का इस्तेमाल कर सकती हैं। इसके बाद ही अधिक रश वाले बैंकों में इनकी तैनाती की गयी।

बैंक कर्मियों को बनाया बंधक

चौक स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा में शाम चार बजे बैंक बंद होने पर सैकड़ों लोगों ने हंगामा किया। लोगों में भ्रम था कि बैंक की टाइमिंग रात आठ बजे तक की है। जबकि यह सुविधा सिर्फ पहले दो दिन के लिए लागू की गयी थी। बैंक के चार बजे बंद होने से नाराज लोगों ने जमकर नारेबाजी की और बैंक में बाहर से ताला जड़ दिया। बाद में मौके पर पहुंची पुलिस ने समझा बुझाकर किसी तरह ताला खुलवाया।