RANCHI: भ्00 और क्000 रुपए के पुराने नोट को जमा करने और बदलने का पहला मौका गुरुवार को मिला, तो बैंक खुलने से चार-चार घंटे पहले ही लोगों की कतार लग गई। लोग पुराने नोट को बदलवाने और जमा करने के लिए बैंकों के बाहर ही लाइन में लग गए थे। इससे सड़क पर भी जाम लगा। कोकर, मोरहाबादी, लालपुर समेत शहर के तमाम बैकों में नोट बदलवाने और जमा करने के लिए दिन भर अफरा-तफरी का माहौल रहा। हालांकि बैंकों में खास व्यवस्था की गई है। नोटों को बदलने के लिए अतिरिक्त काउंटर बनाए गए हैं। लेकिन भीड़ अधिक होने की वजह से लोगों को काफी इंतजार करना पड़ा। शहर के अधिकतर बैंकों में दोपहर क्ख् बजे तक कैश नहीं पहुंचे थे।

कतार में सबसे अधिक महिलाएं

पीएनबी, एसबीआई, एचडीएफसी, इलाहाबाद, बैंक ऑफ इंडिया सहित शहर के तमाम बैंकों के बाहर लंबी लाइन लगी रही। लाइन में लोग अपनी बारी का इंतजार करते दिखे। इनमें सबसे ज्यादा भीड़ महिलाओं की थी। राज्य सरकार, आरबीआई और बैंक प्रबंधन की ओर से बार-बार की जा रही अपील के बाद भी नोट बदलने और जमा करने के लिए लोग बेचैन दिखे। कई बैंक शाखाओं में तो ग्राहकों और आमजनों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस कर्मियों को भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

--

ऐसा होता है कि पैसे कम पड़ जाएं

डाकघरों में कम पड़ गए पैसे

डाकघरों में पैसे कम पड़ गए। लोग बड़ी उम्मीद के साथ डाकघर नोट बदलने पहुंचे थे, काफी देर तक लाइन में भी लगे लेकिन उन्हें पैसा नहीं मिला। शहीद चौक स्थित जीपीओ और तमाम डाकघरों में ग्राहकों को परेशानी हुई। इधर, जीपीओ रांची मंडल के सीनियर सुपरीटेंडेंट केडी सिंह ने कहा कि पोस्ट ऑफिस में मात्र ख्0 लाख रुपए ही भेजे गए थे, जिस वजह से पैसे कम पड़ गए। रांची मंडल में बड़े डाकघरों की बात करें तो ख्ख् डाकघर हैं। ऐसे में सभी डाकघरों में पैसा उपलब्ध करा पाना भी मुश्किल है। सिर्फ डाकघर से भुगतान के लिए कम से कम भ् करोड़ रुपए से ज्यादा की जरूरत है।