- पीएम को मिल चुकी है माओवादियों से हत्या की धमकी

माओवादियों की तलाश शुरू हो गई
Gorakhpur@inext.co.in
GORAKHPUR: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगातार बढ़ता जान का खतरा देख गोरखपुर में भी माओवादियों की तलाश शुरू हो गई है। हालांकि सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि यहां माओवादी भले ही न हों, लेकिन शहर में माओवादी आंदोलन से जुड़े कुछ लोग जरूर हैं, जो माओवादियों के मंसूबों को कामयाब होने में मदद कर सकते हैं। इसे देखते हुए सुरक्षा एजेंसियों और एटीएस ने माओवादी संगठनों से जुड़े लोगों की पड़ताल शुरू कर दी है। सूत्रों की मानें तो गोरखपुर से लेकर नेपाल बॉर्डर तक करीब दो दर्जन से अधिक ऐसे लोगों को चिन्हित भी कर लिया गया है, जो कहने को तो सामान्य जीवन जी रहे हैं लेकिन उनकी गतिविधि माओवादियों के साथ बराबर पाई गई है।

तैयार हो रही गोपनीय रिपोर्ट
सूत्रों के मुताबिक फिलहाल ऐसे लोगों की गोपनीय जांच शुरू हो गई है। उनका पेशा, उनके संबंध, पुराना इतिहास और माओवादी आंदोलन में उनकी भूमिका की पड़ताल की जा रही है। सूत्र बताते हैं कि सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट पर कराई जा रही इस जांच के बाद इसकी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजी जाएगी। माना जा रहा है कि कुछ कम्यूनिस्ट विचारधारा के लोगों की भूमिका इसमें संदिग्ध हो सकती है।

नेपाल सीमा से बढ़ा खतरा
बता दें, नेपाल में चले माओवादी आंदोलन के बाद नेपाल में अब भी माओवादियों का बोलबाला है। ऐसे में गोरखपुर व आसपास के जिलों में भी कुछ संदिग्ध माओवादियों के छिपे होने की आशंका है। वहीं, तमाम माओवादी विचारधार के कट्टरपंथियों से भी सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है। सूत्रों के मुताबिक ऐसी विचारधारा के लोगों को इसमें इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे देखते हुए इसकी गोपनीय जांच शुरू हो गई है।

खंगाली जा रही विदेश यात्रा
सूत्रों की मानें तो अब तक माओवादी विचारधारा से लिप्त जिन लोगों के नाम सुरक्षा एजेंसियों के सामने आए हैं, उनकी विदेश यात्रा की भी डिटेल खंगाली जा रही है। दोनों टीमें इस बात का पता लगा रही हैं कि इन लोगों ने विदेशों में कब-कब और कहां-कहां यात्रा की। इसके साथ ही माओवादी आंदोलन में उनकी क्या भूमिका रही, इस बात की भी पड़ताल शुरू हो गई है।