-टेरर फंडिंग के बाद अब शहर में संदिग्धों की तलाश

-एटीएस के इनपुट पर पुलिस भी शुरू करेगी पड़ताल

-नेपालियों के साथ फास्ट फूड बेचकर कर रहे जासूसी

<-टेरर फंडिंग के बाद अब शहर में संदिग्धों की तलाश

-एटीएस के इनपुट पर पुलिस भी शुरू करेगी पड़ताल

-नेपालियों के साथ फास्ट फूड बेचकर कर रहे जासूसी

GORAKHPUR: GORAKHPUR: टेरर फंडिंग के अलावा अब शहर में संदिग्धों की तलाश तेज हो गई है। इंटीलिजेंट के इनपुट पर एटीएस व पुलिस शहर में रह रहे नेपालियों के बीच संदिग्ध चीनी नागरिकों की तलाश कर रही है। आशंका है कि नेपालियों के बीच रहकर चीन के संदिग्ध देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। वहीं, टेरर फंडिंग के आरोपियों को जेल भेजने के बाद एटीएस अब इसकी अगली कड़ी सुलझाने में लगी है। संभावना है कि जल्द एटीएस हवाला कारोबार से जुड़े कुछ और लोगों के अलावा संदिग्धों की गिरफ्तारी भी कर सकती है। साथ ही एटीएस सिर्फ गोरखपुर में ही नहीं, बल्कि प्रदेश के अन्य शहरों में भी रह रहे नेपाली नागरिकों के बीच छिपे चीनियों की पड़ताल शुरू दी है।

शहर में करते है छोटा-मोटा काम

एटीएस सूत्रों के मुताबिक, चीन के कुछ संदिग्ध भी टेरर फंडिंग से लेकर हवाला कारोबार को यहां फैलाने में लगे हैं। इसके लिए वह नेपालियों के बीच रहकर बकायदा हिंदी बोल रहे हैं और शहरों में छोटे-मोटे फास्ट फूड की दुकानें लगाकर या अन्य छोटे-मोटे काम कर सुरक्षा एजेंसियों की आंखों में धूल झोंक रहे हैं। इसकी जानकारी यूपी एटीएस को लग गई है। टीम ने इस पर काम करना शुरू कर दिया है। वहीं, इसके लिए पुलिस को भी पूरी तरह से अलर्ट कर दिया गया है। ताकि किराएदारों के सत्यापन के दौरान ऐसे विदेशी नागरिकों का भी सत्यापन हो सके। सूत्रों के मुताबिक, इसमें खास बात है कि इन चीनी संदिग्धों के पास नेपाल के डाक्यूमेंट्स भी हैं। जो खुद को नेपाल का नागरिक बताकर यहां देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।

भोजपुरी भी बोलते हैं पाकिस्तनी एजेंट

इतना ही नहीं सूत्रों के मुताबिक, इनमें तमाम नेपाली के साथ कुछ भारतीय वेश-भूषा के लोग भी शामिल हैं। जो फर्राटेदार हिंदी के अलावा भोजपुरी तक बोल रहे हैं। यह आईएसआई के लिए काम करने वाले पाकिस्तानी एजेंट हैं। इसे लेकर आईबी भी पूरी तरह से मुस्तैद हो चुकी है। सूत्रों के मुताबिक, इनमें से कई की पहचान भी टीम कर चुकी है। इंटीलिजेंस की रिपोर्ट पर एटीएस ने पुलिस को भी इस पर निगाह रखने के लिए निर्देशित किया है। उम्मीद है कि जल्द गोरखपुर के अलावा अन्य शहरों से ऐसे संदिग्धों की गिरफ्तारियां होंगी।

वर्जन

एटीएस के अलावा अब पुलिस भी इसे लेकर पूरी तरह से मुस्तैद है। जोन भर में अभियान चलाकर किराएदारों से लेकर संदिग्धों का सत्यापन कराया जा रहा है। इस दौरान अगर कोई संदिग्ध गतिविधि मिली तो इससे एटीएस को तो अवगत कराया जाएगा। साथ ही पुलिस भी तत्काल कार्रवाई करेगी।

दावा शेरपा, एडीजी, गोरखपुर