क्या है पूरा मामला
हनीप्रीत और डेरा के प्रवक्ता आदित्य सहित तीन लोगों के खिलाफ पुलिस ने लुकआउट नोटिस जारी किया गया है। जिसके तहत ये लोग देश छोड़कर नहीं जा सकते हैं। हनीप्रीत के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज किया गया है। उन पर कोर्ट के फैसले के बाद डेरा चीफ राम रहीम को भगाने की साजिश रचने का आरोप है। हनीप्रीत की तलाश में हरियाणा पुलिस की टीम ने नेपाल बॉर्डर से सटे इलाकों में भी दबिश दी है। पंचकूला के डीसीपी मनबीर सिंह ने लुकआउट नोटिस की पुष्टि की है। डेरा हिंसा मामले में पुलिस इन लोगों से पूछताछ करना चाहती है। इन लोगों का कोई अता-पता नहीं है। यहां तक कि सिरसा में भी ये लोग नहीं है।

25 अगस्त से गायब है हनीप्रीत
राम रहीम को भगाने की साजिश करने वाली हनीप्रीत को लेकर एक नया मामला सामने आया है। गायब होने से पहले हनीप्रीत ने जेल से निकलकर संजय नाम के शख्स के घर सीक्रेट मीटिंग की थी। इस बात का खुलासा हनीप्रीत को जेल लेने वाले जीतेंद्र नाम के एक व्यक्ति ने किया है। जीतेंद्र ने बताया कि मैं सात महीने पहले डेरे से जुड़ा था। मेरे पास 25 अगस्त की शाम को आर्य नगर रोहतक के रहने वाले संजय का फोन आया कि जेल तक कार लेकर जानी है। यहां पिताजी आए हुए हैं। उनके साथ कुछ लोग आए हुए हैं इन्हें छोड़कर आना है। यह बात सुनकर मैं बहकावे में आ गया और गाड़ी लेकर सुनारिया जेल तक गया। संजय के पास रिट्ज कार थी। मेरे पास फोर्ड । जेल में जाने को पुलिस ने वेरिफिकेशन किया।

जेल से साढ़े 9 बजे निकली थी हनीप्रीत
एसपी भी यहां पर आए थे। वेरिफिकेशन के दौरान रोहतक के संजय, हिसार के राजली के रहने वाले वेदप्रकाश व मैंने एक कागज पर सिग्नेचर किए। साथ ही फतेहाबाद पुलिस का एक कान्स्टेबल विकास वहीं पर था। यहां पर लिखित में हनीप्रीत ने बताया कि वह विकास के साथ फतेहाबाद जा रही है। इसके अलावा हम तीन लोगों ने भी सिग्नेचर किए। जेल से साढ़े 9 बजे निकले थे। इसके बाद हमने हनीप्रीत को संजय के घर छोड़ दिया। यहां पर पहले से इनोवा गाड़ी थी। संजय के घर पर एक घंटे तक तीनों ने सीक्रेट मीटिंग की। इस बैठक में हनीप्रीत, विकास और वेदप्रकाश थे। मैं और संजय बाहर थे। संजय ने खाने के लिए पूछा लेकिन हनीप्रीत ने इंकार कर दिया। इसके बाद हनीप्रीत वहां से इनोवा कार में निकली।

इनोवा कार से गई थी हनीप्रीत
गोहाना रोड पर बने वीटा मिल्क प्लांट तक हम साथ-साथ चले। इसके बाद उन्होंने मुझे गोहाना बाईपास से वापस भेज दिया। उसके बाद मुझे कुछ पता नहीं कि वे कहां पर गए। वीटी के बाद पुलिस ने जितेंद्र को पकड़कर जेल में भेजा जितेंद्र ने बताया कि मेरी गाड़ी की वीटी कर दी गई। चूंकि यह नंबर जेल तक पहले ही जा चुका था। इसके बाद एचआर-26 नंबर की कार को पुलिस तलाश रही थी और मैं और मेरा साढू कार से गोहाना बाईपास से ही लौट आए थे। इसके बाद हनीप्रीत की इनोवा और संजय की रिट्ज कार ही आगे गई। बाद में कोई सूचना नहीं मिली। जैसे ही वहां से लौट रहे थे तो बीच रास्ते में कार रुकवा ली गई और पुलिस ने कार की तलाशी ली। कार में अपनी सुरक्षा के लिए एक-दो डंडे थे तो पुलिस ने सुरक्षा का हवाला देकर रुकवा लिया और बाद में सिविल लाइन थाने में ले गई।

कौन है हनीप्रीत

हनीप्रीत का असली नाम प्रियंका तनेजा है। हरियाणा के फतेहाबाद की रहने वाली प्रियंका तनेजा उर्फ हनीप्रीत और विश्वास गुप्ता की शादी डेरा प्रमुख राम रहीम ने ही कराई थी। दोनों की शादी ज्यादा दिन नहीं चल सकी और कुछ समय बाद हनीप्रीत ने राम रहीम से शिकायत की कि उसके ससुराल वाले उसे दहेज के लिए परेशान कर रहे हैं। इसके बाद राम रहीम ने साल 2009 में उसे गोद ले लिया। गुरमीत राम रहीम की खुद की दो बेटियां और एक बेटा है। उनके नाम अमनप्रीत, चमनप्रीत और जसमीत इंसा हैं। 2011 में विश्वास गुप्ता ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में मुकदमा दायर कर राम रहीम के कब्जे से उसकी पत्नी यानी हनीप्रीत को मुक्त कराने की मांग की थी। गुप्ता ने राम रहीम पर हनीप्रीत के साथ अवैध संबंध होने का भी आरोप लगाया था।

 

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