हार का सूखा खत्म

लॉर्ड्स को क्रिकेट का मक्का कहा जाता है. दुनिया के सभी क्रिकेटर की इच्छा होती है कि इस मैदान पर अच्छा परफार्म करके अपनी टीम को जीत दिलायें. यह सपना इंडियन टीम का पूरा हो गया. 1986 के बाद इस मैदान पर कभी इंडियन टीम को जीत नहीं मिली थी. आखिरकार धोनी और उनकी टीम के धुरंधरों ने 28 साल के इस सूखे को खत्म करके नया इतिहास बना दिया.

मैच से जुड़े इंट्रेस्टिंग फैक्ट्स

साल 1986 में मिली जीत के 28 साल बाद इंडिया ने लॉर्ड्स में जीत का स्वाद चखा. इस मैच में धोनी की कप्तानी ने इंग्लैंड को 95 रनों से हराया है. इससे पहले 1986 में कपिल देव के नेतृत्व में इंडिया ने तब लॉर्ड्स के मैदान पर इंग्लैंड को हराया था. इंडियन टीम का लॉर्ड्स मैदान पर एक अनोखा रिकार्ड है. लॉर्ड्स में 82 साल के इतिहास में इंडियन टीम अब तक सिर्फ एक ही टेस्ट मैच जीत पायी थी, ये उसकी दूसरी जीत है. इसके साथ ही अब तक यहां खेले गये 16 टेस्ट मैचों में इंडिया को 11 बार हार का सामना करना पड़ा है, जबकि 4 मैच ड्रा रहे हैं.

54 साल तक चली हार

इंडियन टीम का इस ग्राउंड में हार का सिलसिला काफी सालों पुराना है. इंडियन टीम को 54 सालों तक यहां जीत नसीब नहीं हुई. 1932 से 1986 के बीच इन 54 सालों में टीम इंडिया 2 टेस्ट मैच ड्रा कराने में तो सफल रही लेकिन जीत अभी तक नहीं मिली थी. इसके बाद 1986 में लॉर्ड्स के मैदान पर कपिल देव की कप्तानी में टीम इंडिया पहली बार 5 विकेट से टेस्ट मैच जीती थी. आपको ये भी बता दें कि 1932 में लॉर्ड्स के मैदान पर टीम इंडिया ने पहली बार मैच खेला था और तब इंग्लैंड ने टीम इंडिया को 152 रनों से कारार शिकस्त दी थी.

9 प्लेयर खेले पहली बार

इंडियन टीम में धोनी और विराट कोहली को छोड़कर टीम इंडिया के सभी प्लेयर्स पहली बार लॉर्ड्स में खेलने उतरे. धोनी और कोहली पिछले सीजन में यहां पर खेल चुके हैं. इंडियन टीम के मीडियम पेसर बॉलर भुवनेश्वर कुमार के लिये ये टेस्ट सीरीज ऐतिहासिक है. लगातार दो टेस्ट की एक-एक पारी में 5-5 विकेट और हॉफसेंचुरी बनाने वाले दुनिया के तीसरे ऑल राउंडर बन गये हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि क्रिकेट के सबसे बेहतरीन मैदानों में से एक लॉर्ड्स पर रन बनाना कभी भी आसान नहीं रहा है. लॉर्ड्स के लगभग 200 साल के इतिहास में सिर्फ 3 आर ही 200 या इससे बड़े लक्ष्य को हासिल कर कोई टीम जीत दर्ज कर सकी है.

सचिन ने नहीं बनाई सेंचुरी

क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर भी लॉर्ड्स के मैदान में कभी सेंचुरी नहीं लगा पाये हैं. यहां गावस्कर जैसे बड़े-बड़े प्लेयर्स के पासीने छूट गये. हालांकि पिछली सीरीज में द्रविड़ लॉर्ड्स के मैदान पर सेंचुरी बनाने में जरूर सफल रहे. लॉर्ड्स के मैदान पर सबसे बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुये जीतने का रिकार्ड वेस्टइंडीज के नाम है. आपको ये बात जानकर आश्चर्य होगा कि 1986 की इंडियन टीम में रोजर बिन्नी खेल रहे थे, जबकि इस बार उनके बेटे स्टुअर्ट बिन्नी विजेता टीम के हिस्सा थे. इसके साथ ही रोजर बिन्नी ने भी अपनी पहली पारी में 9 रन बनाये थे और स्टुअर्ट बिन्नी ने भी अपनी पहली पारी में 9 रन बनाये.

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