सोलह वर्षीय बालक मिसाकी मुराकामी ने वर्ष 2011 की सूनामी में अपनी फुटबॉल खो दी। साल भर बाद अब यह फुटबॉल अलास्का के मिडिल्टन टापू पर डेविड बैक्सटर को मिली। इस फुटबॉल पर मिसाकी मुराकामी का नाम लिखा हुआ था।

मुराकामी ने जापानी मीडिया को कहा कि उसे पूरा यकीन है कि वह फुटबॉल उसका ही है और फुटबॉल वापस पाकर उसे बहुत खुशी मिलेगी। एक स्थानीय टेलिविजन चैनल से बातचीत में उसने कहा, “मैं बहुत आभारी हूं क्योंकि अभी तक मुझे ऐसा कुछ नहीं मिला है जो सूनामी में खो गया और जिसका मैं कभी मालिक था.”

दोस्तों का तोहफा था फुटबॉल

मिसाकी मुराकामी सूनामी से सबसे बुरी तरह प्रभावित स्थान रिकुजेन तकाता में रहता है। क्योदो समाचार एजंसी के मुताबिक जिस दिन सूनामी आई, उस दिन मुराकामी बीमार था। लेकिन जब भूकंप आया तो भागकर वह ऊंचे स्थान पर चला गया था और उसका घर सूनामी में बह गया था।

मिसाकी मुराकामी को यह फुटबॉल उसके सहपाठियों ने वर्ष 2005 में उस समय दिया था जब वह पहली बार स्कूल गया था।

फुटबॉल पर स्कूल का नाम

अमरीका के राष्ट्रीय महासागर एवं वायुमंडलीय प्रशासन- एनओएए- के अनुसार डेविड बैक्सटर की जापानी पत्नी ने फुटबॉल पर जापानी लिपि में लिखे स्कूल के नाम और “शुभकामना संदेश” को पढ़ा। “सन 2011 में आई सूनामी के बाद शायद यह पहला अवसर होगा जब किसी को अपना खोया सामान वापस मिलेगा.”

मिली सूचना के अनुसार बैक्सटर दंपत्ति यह फुटबॉल मुराकामी को वापस भेजने की योजना बना रहे हैं। वैसे बैक्सटर दंपत्ति को एक वॉलीबॉल भी मिला है लेकिन इसके मालिक का पता नहीं चला है।

एनओएए पिछले साल से ही सूनामी के मलबे पर नजर रखे हुए है। इससे पहले सूनामी में बह गए झींगे के आकार का नाव रियो-उन मारू अलास्का में मिला था।

International News inextlive from World News Desk