इस खोज अभियान की अगुवाई कर रहे सेवानिवृत्त एयर चीफ मार्शल एंगस ह्यूस्टन ने कहा कि ओशियन शील्ड जलपोत ने सिगनलों को दो बार पकड़ा गया. पहली बार तो सिगनल लगातार दो घंटे से अधिक समय तक मिलते रहे.

उन्होंने बताया कि ये अब तक का "सबसे भरोसेमंद सुराग" है.

ह्यूस्टन का कहना था कि अभी भी इस बारे में अधिक जानकारी की तलाश है. उन्होंने कहा, "हमें अभी तक विमान मिला नहीं है और हमें अभी भी पुष्टि की जरूरत है."

मलेशिया के  कार्यवाहक परिवहन मंत्री हिशामुद्दीन हुसैन ने कहा है कि उन्हें इस बारे में एयर चीफ मार्शल ह्यूस्टन ने बताया है और उन्हें "पूरी उम्मीद है कि अगले कुछ घंटों में नहीं तो अगले कुछ दिनों में सकारात्मक प्रगति होगी."

बढ़ी उम्मीद

इस विमान पर 239 लोग सवार थे और ये आठ मार्च को कुआलालंपुर से बीजिंग जाने के दौरान लापता हो गया था. मलेशियाई अधिकारियों का कहना है कि उन्हें आशंका है कि विमान हिंद महासागर के दक्षिण में दुर्घटनाग्रस्त हो गया.

एयर चीफ मार्शल हॉस्टन ने बताया है कि ओशियन शील्ड जलपोत पर लगाए गए  पिंगर लोकेटर की मदद से सिगनलों की पहचान की गई.

उन्होंने बताया कि अलग-अलग दो बार सिगनल पकड़े गए. पहला सिगनल करीब दो घंटे और बीस मिनट तक मिलता रहा.

लापता विमान का 'सबसे भरोसेमंद सुराग' मिला

इसके बाद जहाज थोड़ा आगे बढ़ गया और जब वो वापस लौटा तो 13 मिनट तक सिगनल फिर मिले.

उन्होंने बताया, "इस बार पिंगर के दो अलग-अलग जवाबी उत्तर सुनाई दिए. खास बात ये है कि इसमें फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वायस रिकॉर्डर, दोनों के प्रसारण शामिल हैं."

उन्होंने बताया, "एक सप्ताह पहले के मुकाबले मैं बहुत अधिक आशावादी हूं."

चुनौतियाँ

ह्यूस्टन के मुताबिक अब खोज का दायरा अच्छी तरह से परिभाषित हो चुका है और अब जो जानकारी हमें मिली है उसके आधार पर कहा जा सकता है कि मलेशिया एयरलाइंस का विमान ठीक यहां पानी में समाया था.

ओशियन शील्ड अभी भी उसी इलाके में है लेकिन उसे आगे किसी सिगनल को पकड़ने में कामयाबी नहीं मिल सकी है.

उन्होंने बताया कि अभी ये पता नहीं चल सका है कि ये सिगनल कहां से आ रहे हैं. इसका पता चलते ही समुद्री की तलहटी में मलबे की खोज शुरू कर दी जाएगी.

उन्होंने कहा कि अगले कदम में कुछ समय लग सकता है.

लापता विमान के लिए  खोज अभियान इसलिए भी तेज हो गया है क्योंकि समय बीतने के साथ ही फ्लाइट रिकॉर्डर की बैटरी खत्म हो रही है और इसका मतलब है कि कुछ ही दिनों में सिगनल निकलने बंद हो जाएंगे.

चीन के एक खोज युद्धपोत ने एक दूसरे खोज क्षेत्र में सिगनल मिलने की बात कही है. इन संकेतों की जांच ब्रिटिश जलपोत एचएमएस एको की मदद से की जा रही है.

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